शुरू हुई 1947 में डिज़ाइन की गई दुनिया की सबसे लंबी रेल सुरंग जो है 57 किमी लंबी...

शुरू हुई 1947 में डिज़ाइन की गई दुनिया की सबसे लंबी रेल सुरंग जो है 57 किमी लंबी...

खास बातें

  • स्विट्जरलैंड की 57 किमी लंबी है संसार की सबसे लंबी रेल सुरंग
  • इसकी पहली डिजाइन सात दशक पहले बनाई गई थी
  • अब ज्यूरिख से मिलान तक के सफर में एक घंटे का समय बचेगा
स्विट्जरलैंड:

संसार की सबसे लंबी और सबसे गहरी रेल सुरंग का बुधवार को रंगारग उद्घाटन हुआ। इसमें जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति फ़्रांस्वां ओलांदे और इटली के प्रधानमंत्री माटेओ रेन्ज़ी जैसे कई बड़े नेता पहुंचे। इसकी पहली डिजाइन सात दशक पहले बनाई गई थी। 57 किमी लंबी ये गोटहार्ड बेस सुरंग स्विट्जरलैंड के मध्य केंटन (प्रांत) उरी के अर्स्टफेल्ड से शुरु होकर दक्षिण केंटन टिसिनो के बोडियो तक जाती है।

सात दशक पहले बनी थी इस सुरंग की पहली डिजाइन
1947 में सबसे पहले स्विस इंजीनियर कार्ल एडवर्ड ग्रूनर ने इसकी पहली डिजाइन बनाई थी। प्रोजेक्ट की बड़ी लागत, नौकरशाही प्रक्रियाओं में देरी, और अन्य व्यवधानों की वजह से ये प्रोजेक्ट 1999 तक टलता गया। तब से 17 साल में और 12 बिलियन स्विस फ्रेंक ( 12 बिलियन डॉलर या 11 बिलियन यूरो) से ज्यादा की लागत से बनी गोटहार्ड बेस सुरंग अब तैयार है।
 
एक घंटा कम हो जाएगा ज्यूरिख से मिलान का सफर
दिसंबर तक जब सुरंग पूरी तरह से सेवा के लिए उपलब्ध हो जाएगी तो ज्यूरिख से उत्तरी इटली के मिलान तक का सफर दो घंटे चालीस मिनट का हो जाएगा जिससे लगभग एक घंटे का समय बच सकेगा।

सड़क पर ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा
इस नए मार्ग का उद्देश्य रेल भाड़े को कम करना है। इसमें से ज्यादा भारी सामान ले जाया सकेगा जिससे सड़क परिवहन पर दबाव कम हो जाएगा, ट्रैफिक बेहतर होगा और प्रदूषण कम होगा। स्विस फेडरल रेल सेवा के अनुसार रेलयात्रियों की संख्या 9000 से  2020 में 15000 तक बढ़ने की उम्मीद है। यूरोपियन यूनियन ट्रांसपोर्ट कमिश्नर वायलेटा बुल्क ने पिछले हफ्ते इस सुरंग को यूरोप के लिए 'गाडसेंड' बताया जो "रोटरडैम और एन्टेर्प को एड्रियाटिक के बंदरगाह से जोड़ेगी।"
 


आधुनिक तकनीक की वजह से संभव हो पाया निर्माण
गोटहार्ड प्रोजेक्ट सुरंग बनाने की आधुनिक तकनीक की वजह से संभव हो सका। इसकी मुख्य मशीन 410 मीटर लंबी है और ये एक चलित कारखाने की तरह काम  करती है। ये पत्थरों को काट कर उनके टुकड़े पीछे कीओर फेंकते हुए उसी समय पूर्व निर्मित कंक्रीट के टुकड़े रखती जाती है जिससे सुरंग आकार लेती है। इन टुकड़ों को जोडंने के लिए अलग से मसाला लगाया जाता है। स्विस रेल सेवा ने बताया कि सुरंग के ट्रैक के स्लैब को बनाने के लिए 125 मजदूरों ने लगातार 43800 घंटों तक बिना काम रोके तीन शिफ्टों में बंट कर काम किया।

जापान और इंग्लैड-फ्रांस की सुरगें पीछे रह गईं हैं अब
अब गोटहार्ड जापान की 53.9 किमी लंबी  सेकिन सुरंग को पीछे छोड़कर संसार की सबसे लंबी सुरंग बन गई है । इंग्लैड और फ्रांस को जोड़ने वाली 50.5 किमी लंबी सुरंग अब तीसरे नंबर पर आ गई है।

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