नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश की जनता के साथ सीधे संवाद और उनकी शिकायतों के समाधान के लिए राज्य पुलिस द्वारा शुरू किए गए फेसबुक पेज और ट्विटर अकांउट पर अब वह आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के सवालों से जूझ रही है और इसमें जब तक उसकी झल्लाहट भी झलक उठती है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की इस झल्लाहट का कारण बन गए आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ता राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति और पुलिस की कार्यप्रणाली पर अक्सर सवाल उठाते रहते हैं।
इन सवालों से परेशान उत्तर प्रदेश पुलिस ने फेसबुक पर अपने एक पोस्ट में कहा, ‘‘आप’ मित्रों से अनुरोध है कि वे किसी को फंसाने के लिए सोशल मीडिया में माहौल बनाने की कोशिश न करे। आप व्यर्थ टिप्पणी करेंगे तो हमें जवाब देना ही पड़ेगा।’
पुलिस ने कहा, ‘‘अगर किसी मामले में आपको (आप कार्यकर्ता) लगता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस गलत है तो स्थानीय, क्षेत्रीय, प्रांतीय, राष्ट्रीय मीडिया को सबूत समेत बताएं या किसी अदालत में इस्तगासा दायर करें। दोषियों के साथ हमें भी सजा मिल जाएगी और ‘आप’ की इज्जत बढ़ जाएगी। व्यर्थ विवाद से उत्तर प्रदेश पुलिस की नहीं ‘आप’ की स्थिति खराब हो रही है।’’
पुलिस ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हम बार-बार कह रहे हैं कि सोशल मीडिया को राजनीति का अखाड़ा न बनाइए। आप ही का नुकसान होगा।’’ इस ट्वीट के साथ पुलिस लोगों को अपने साथ आने की भी अपील करती है। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस के प्रति पुराना नजरिया बदलिए। हमने खुद को बदला है। आप सोच बदलिए, हाथ बढ़ाइए साथ चलिए।’’
पुलिस ने कहा कि वह ट्विटर और फेसबुक पर जनसंपर्क के प्रचार के लिए नहीं बल्कि यह जानने के लिए हैं कि कहां-कहां पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
फेसबुक और ट्विटर पर एक पार्टी का पक्ष लेने के आरोपों पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने जवाब दिया, ‘‘हो सकता है कि हमारे कुछ मित्रों का राजनीतिक मंतव्य हो लेकिन यह समझने का प्रयास कीजिए उत्तर प्रदेश पुलिस किसी भी राजनीतिक दल का पक्ष नहीं ले रही है।’’
कुछ समय पहले ही शुरू किए गए उत्तर प्रदेश पुलिस के फेसबुक पेज को अब तक 1202 लोगों ने लाइक किया है जबकि ट्विटर पर उसके 2043 फॉलोवर हैं और कई मामलों में यह तत्परता के साथ कार्रवाई कर रही है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की इस झल्लाहट का कारण बन गए आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ता राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति और पुलिस की कार्यप्रणाली पर अक्सर सवाल उठाते रहते हैं।
इन सवालों से परेशान उत्तर प्रदेश पुलिस ने फेसबुक पर अपने एक पोस्ट में कहा, ‘‘आप’ मित्रों से अनुरोध है कि वे किसी को फंसाने के लिए सोशल मीडिया में माहौल बनाने की कोशिश न करे। आप व्यर्थ टिप्पणी करेंगे तो हमें जवाब देना ही पड़ेगा।’
पुलिस ने कहा, ‘‘अगर किसी मामले में आपको (आप कार्यकर्ता) लगता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस गलत है तो स्थानीय, क्षेत्रीय, प्रांतीय, राष्ट्रीय मीडिया को सबूत समेत बताएं या किसी अदालत में इस्तगासा दायर करें। दोषियों के साथ हमें भी सजा मिल जाएगी और ‘आप’ की इज्जत बढ़ जाएगी। व्यर्थ विवाद से उत्तर प्रदेश पुलिस की नहीं ‘आप’ की स्थिति खराब हो रही है।’’
पुलिस ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हम बार-बार कह रहे हैं कि सोशल मीडिया को राजनीति का अखाड़ा न बनाइए। आप ही का नुकसान होगा।’’ इस ट्वीट के साथ पुलिस लोगों को अपने साथ आने की भी अपील करती है। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस के प्रति पुराना नजरिया बदलिए। हमने खुद को बदला है। आप सोच बदलिए, हाथ बढ़ाइए साथ चलिए।’’
पुलिस ने कहा कि वह ट्विटर और फेसबुक पर जनसंपर्क के प्रचार के लिए नहीं बल्कि यह जानने के लिए हैं कि कहां-कहां पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
फेसबुक और ट्विटर पर एक पार्टी का पक्ष लेने के आरोपों पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने जवाब दिया, ‘‘हो सकता है कि हमारे कुछ मित्रों का राजनीतिक मंतव्य हो लेकिन यह समझने का प्रयास कीजिए उत्तर प्रदेश पुलिस किसी भी राजनीतिक दल का पक्ष नहीं ले रही है।’’
कुछ समय पहले ही शुरू किए गए उत्तर प्रदेश पुलिस के फेसबुक पेज को अब तक 1202 लोगों ने लाइक किया है जबकि ट्विटर पर उसके 2043 फॉलोवर हैं और कई मामलों में यह तत्परता के साथ कार्रवाई कर रही है।
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