विज्ञापन
This Article is From Jan 22, 2020

हड्डियों के डॉक्टर से सैटिंग कर लड़के ने बनवा लिया आंखों से दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र, फिर जमकर मचा बवाल

मथुरा जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी के दफ्तर में तैनात हड्डियों के डाक्टर एवं संबंधित क्लर्क ने मिलकर ऐसे युवक को नेत्रों से विकलांग होने का प्रमाणपत्र तैयार कर थमा दिया जिसे पहले उसी आफिस से 40 प्रतिशत विकलांगता का प्रमाणपत्र जारी किया जा चुका था.

हड्डियों के डॉक्टर से सैटिंग कर लड़के ने बनवा लिया आंखों से दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र, फिर जमकर मचा बवाल
थुरा में हड्डियों के डॉक्टर ने बना दिया आँखों से दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी के दफ्तर में तैनात हड्डियों के डाक्टर एवं संबंधित क्लर्क ने मिलकर एक ऐसे युवक को नेत्रों से 42 फीसद विकलांग होने का प्रमाणपत्र तैयार कर थमा दिया जिसे पहले उसी आफिस से 40 प्रतिशत विकलांगता का प्रमाणपत्र जारी किया जा चुका था. मामले की जानकारी होने पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने उक्त प्रमाण पत्र को निरस्त करते हुए दोनों के खिलाफ जांच बैठा दी है.

स्कूल में बच्चे ने 'मेरे पिता' पर लिखा ऐसा निबंध, बोला- 'पापा मर गए, हम खूब रोए...' पढ़कर मंत्री जी ने किया ऐसा

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. शेर सिंह के अनुसार छाता तहसील के नौगांव निवासी धर्मवीर ने सोमवार को कार्यालय के विकलांग बोर्ड के समक्ष आवेदन कर दृष्टि में कमी के चलते अस्थाई रूप से दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र बनवाया. इसमें उसकी विकलांगता 40 प्रतिशत तक दर्शायी गई थी.

नक्सल प्रभावित इलाके में लेबर पेन से कराह रही थी महिला, CRPF जवानों ने 6 किलोमीटर कंधे पर ढोकर पहुंचाया अस्पताल

बहरहाल, अधिक दिव्यांगता दिखाने के इच्छुक धर्मवीर ने दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करने वाले बोर्ड के बाबू तथा हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. लाल सिंह से मिलीभगत कर मंगलवार को "तहसील दिवस" के दौरान मनमाफिक प्रमाणपत्र बनवा लिया.

मां को बर्थडे पर कसीनों लेकर गए अक्षय कुमार तो ट्विटर पर लोगों ने ऐसे किया रिएक्ट, मीम्स भी किए शेयर

डॉ शेर सिंह ने बताया कि प्रमाणपत्र पर सीएमओ के भी हस्ताक्षर थे जो हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक ने अन्य प्रमाणपत्रों के बीच रखकर करा लिए थे. लेकिन शिविर समाप्ति के समय प्रमाणपत्रों की दिव्यांग रजिस्टर में प्रविष्टि के दौरान, एक दिन पहले ही बनवाए गए प्रमाणपत्र से मिलान होने पर मामला पकड़ में आ गया.

जम्मू-कश्मीर में युवक ने बर्फ से बनाई शानदार कार, देखें Viral Photos

सीएमओ ने सोमवार को विकलांग बोर्ड में मौजूद रहे डॉ. मुनीष पौरुष एवं डॉ. प्रभाकर से इस बारे में पूछताछ की. डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि प्रमाणपत्र 40 प्रतिशत का बना था, वहीं मंगलवार को जारी करवाया गया स्थाई प्रमाणपत्र 42 प्रतिशत का बनाया गया. डॉ शेर सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉ. लाल सिंह एवं संबंधित बाबू के खिलाफ जांच के आदेश दिए तथा दिव्यांग प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: