बेंगलुरु के मणिपाल हॉस्पिटल से 3 मिनट के अंदर 2 साल 10 महीने के मृत बच्चे का दिल शहर के पुराने एयरपोर्ट पहुंचाया गया, जहां पहले से ही एक जहाज इसका इंतजार कर रहा था। यहां से चेन्नई के फोर्टिस अस्पताल में इसे ले जाया गया, जहां इसे एक बच्ची को ट्रांसप्लांट किया जाना है।
दरअसल, उस बच्चे को दिमागी बुखार हो गया था। उसे मणिपाल हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया, जहां गुरुवार देर रात ऊसकी मौत हो गई।
इसी बीच, अंगों के ट्रांसप्लांट से जुड़ी संस्थान सीओटीए से बच्चे के पिता को पता चला कि चेन्नई के फोर्टिस अस्पताल में उनके बेटे के उम्र के एक बच्चे को हार्ट ट्रांसप्लांटेशन की जरूरत है, क्योंकि उसके दिल में सुराख है और इसके मेडिकल पैरामेटर्स इस बच्चे के हार्ट के ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त है।
परिवारों की आपसी सहमति के बाद दोनों शहरों के अस्पतालों में इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई। मणिपाल हॉस्पिटल की कोऑर्डिनेटर डॉ मंजुला के मुताबिक शहर के ट्रैफिक पुलिस से मदद की गुहार लगाई गई, क्योंकि दिल निकलने के बाद छह घंटे के अंदर उसका ट्रांसप्लांट होना जरूरी है।
बेंगलुरु के ट्रैफिक पुलिस प्रमुख बी दयानंद ने फौरन ग्रीन कॉरिडोर बनाने का आदेश दिया। एचएएल एयरपोर्ट से मणिपाल हॉस्पिटल की दूरी लगभग तीन किलोमीटर की है, जो महज 2 मिनट 45 सेकंड में पूरी की गई। सामान्य तौर पर इतनी दूरी दोपहर में तय करने में लगभग 15 से 20 मिनट लगता है।
मणिपाल हॉस्पिटल के एमडी डॉ सुदर्शन बल्लाल ने यह जानकारी भी दी कि मृत बच्चे के पिता जो कि एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं, ने न सिर्फ अपने बेटे का दिल, बल्कि लिवर, किडनी और आंखें भी डोनेट किए हैं।
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