प्रख्यात अमेरिकी गायिका एवं अभिनेत्री केर को मशहूर युवा पॉप गायिका माइली सायरस से प्रस्तुति देते वक्त अपनी जीभ बाहर निकालने से मना किए अभी बहुत दिन नहीं बीते हैं, कि विशेषज्ञों ने जीभ को लेकर बहुत ही दिलचस्प तथ्य का खुलासा किया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, जीभ को देखकर किसी व्यक्ति की स्वच्छता के प्रति उसके रुख एवं उस व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जाना जा सकता है।
आप अपने किसी ऐसे मित्र या किसी ऐसी लोकप्रिय हस्ती के बारे में सोचिए जो अक्सर अपनी जीभ बाहर निकालता रहता है। अगर उसकी जीभ पर मोटी सफेद पर्त दिखाई दे निश्चित ही यह उसके लिए बहुत बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है।
गुड़गांव के कोलंबिया एशिया अस्पताल में दंत चिकित्सक एकता सिंह ने बताया कि दांतों में ब्रश करना जितना महत्वपूर्ण है, जीभ को स्वच्छ रखना भी उतना ही जरूरी है।
एकता सिंह ने बताया, जीभ साफ करने से पहले टंग क्लीनर को साफ कर लेना चाहिए। टंग क्लीनर से जीभ पर बहुत दबाव नहीं डालना चाहिए, तथा दो से तीन बार हल्के हाथों से जीभ की सफाई करनी चाहिए।
उन्होंने आगे बताया कि अपने मुंह में हानिकारक जीवाणुओं को पनपने से रोकने के लिए जीभी (टंग क्लीनर) का प्रयोग अवश्य करें।
वेबसाइट पैरेंट्यून डॉट कॉम ने मुंह से संबंधित बीमारियों की विशेषज्ञ सोनाली बस्सी के हवाले से कहा कि गाढ़े रंगों वाला खाद्य पदार्थ खाने से भी जीभ का रंग परिवर्तित हो जाता है।
बस्सी ने कहा, हल्दी, काले अंगूर, जामुन या इसी तरह के गहरे रंग वाले खाद्य पदार्थ खाने से आपके जीभ का रंग बदल सकता है। लेकिन यह इतना हानिकारक नहीं होता, तथा टंग क्लीनर की सहायता से आसानी से साफ किया जा सकता है।
बस्सी ने बताया, धातु या प्लास्टिक से बने टंग क्लीनर का उपयोग किया जा सकता है। कई कंपनियां इस तरह का ब्रश भी बनाती हैं जिसके पिछले हिस्से का उपयोग जीभ को साफ करने के लिए किया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्तर के दंत चिकित्सक अयान मजूमदार ने बताया कि जीभ साफ करने के लिए ब्रश के पिछले हिस्से का उपयोग सुरक्षित है, लेकिन ब्रश वाले हिस्से से ऐसा करना हानिकारक हो सकता है।
मजूमदार ने आईएएनएस को बताया, "अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि सामान्य ब्रश की अपेक्षा जीभ साफ करने की सुविधा से युक्त ब्रश कहीं प्रभावी होते हैं।"
मजूमदार ने हालांकि धातु की अपेक्षा प्लास्टिक की जीभी को अधिक सुरक्षित बताया, क्योंकि जंग लगने के कारण धातु का टंग क्लीनर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
जीभ को स्वच्छ रखने का दूसरा सबसे बेहतर उपाय है माउथवॉश का उपयोग करना।
मजूमदार ने बताया, सांसों की दरुगध का सबसे बड़ा कारण जीभ पर बैठी गंदगी ही होती है। हमारे पास कम से कम 70 फीसदी इसी तरह की शिकायतें लेकर लोग आते हैं। अपनी सांसों को तरोताजा बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम एक बार माउथवॉश का उपयोग करें।
मुंह को नमक के पानी से धोकर भी स्वच्छ रखा जा सकता है।
बस्सी ने बताया, आधे गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक डालें। इस पानी से अपने मुंह को दिन में पांच से छह बार धोएं।
जीभ पर खाने के बाद जमा गंदगी कई तरह के रोगों को जन्म दे सकती है। एकता सिंह ने बताया कि कई बार जीभ के गंदे होने के कारण डिहाइड्रेशन की शिकायत भी हो सकती है।
इसलिए घर से निकलते हुए इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि चेहरे और दांतों के साथ-साथ आपकी जीभ का भी स्वच्छ रहना बेहद जरूरी है।
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