कोलोन (जर्मनी):
सभी यात्री ट्रेन से उतरकर अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो जाते हैं, लेकिन जर्मनी की एक कॉलेज छात्रा लियोनी मुलर वहीं रुकी रह जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वही उसका घर है। वह कहती है कि ट्रेन को वह अपना अपार्टमेंट मानती है।
मुलर ने वसंत ऋतु के दौरान अपना अपार्टमेंट छोड़ दिया था। मुलर ने वाशिंगटन पोस्ट को ई-मेल के जरिये बताया, मकान मालिक के साथ झगड़े के कारण यह सब हुआ। मैंने तत्काल फैसला किया कि मैं वहां अब नहीं रहना चाहती और महसूस किया कि दरअसल मैं कहीं और भी नहीं रहना चाहती।
उसने एक सब्सक्रिप्शन खरीदा, जिससे वह देश में किसी भी ट्रेन में मुफ्त सफर कर सकती है। अब मुलर ट्रेन के बाथरूम में अपने बाल धोती है और 190 किमी की स्पीड से चल रही ट्रेन में ही कॉलेज के पेपर तैयार करती है।
वह कहती है कि अपार्टमेंट छोड़ने के बाद उसे जो आजादी मिली है, उसका भरपूर आनंद उठा रही है। मुझे ट्रेन में घर जैसा लगता है और मैं अपने ढेर सारे दोस्तों से मिल सकती हूं और तमाम शहरों में जा सकती हूं। ऐसा लगता है मानो हर समय मैं छुट्टियों पर हूं।
मुलर ने जर्मन टीवी स्टेशन SWR को दिए इंटरव्यू में कहा, मैं पढ़ती हूं, लिखती हूं, खिड़कियों से बाहर देखती हूं और हर समय अच्छे लोगों से मिलती हूं। ट्रेन में हमेशा कुछ न कुछ करने के लिए होता है। मुलर अपने साथ एक छोटे बैग में कपड़े, टैबलेट कंप्यूटर, कॉलेज के दस्तावेज और सैनिटरी पैक रखती है।
ट्रेन में रहना आर्थिक रूप से भी उसके लिए फायदेमंद है। ट्रेन का एकमुश्त किराया जहां 380 डॉलर बैठता है, वहीं उसे अपने पहले अपार्टमेंट के लिए 450 डॉलर देने होते थे। हालांकि सस्ते में रहना उसका एकमात्र लक्ष्य नहीं है। वह कहती है, मैं लोगों को प्रेरित करना चाहती हूं कि वे अपनी आदतों और उन चीजों पर सवाल करें, जिन्हें वे सामान्य समझते हैं। लोग जितना समझते हैं उससे कहीं ज्यादा अवसर उनके पास होते हैं, बशर्ते वे उसे तलाशना चाहें।
मुलर ने वसंत ऋतु के दौरान अपना अपार्टमेंट छोड़ दिया था। मुलर ने वाशिंगटन पोस्ट को ई-मेल के जरिये बताया, मकान मालिक के साथ झगड़े के कारण यह सब हुआ। मैंने तत्काल फैसला किया कि मैं वहां अब नहीं रहना चाहती और महसूस किया कि दरअसल मैं कहीं और भी नहीं रहना चाहती।
उसने एक सब्सक्रिप्शन खरीदा, जिससे वह देश में किसी भी ट्रेन में मुफ्त सफर कर सकती है। अब मुलर ट्रेन के बाथरूम में अपने बाल धोती है और 190 किमी की स्पीड से चल रही ट्रेन में ही कॉलेज के पेपर तैयार करती है।
वह कहती है कि अपार्टमेंट छोड़ने के बाद उसे जो आजादी मिली है, उसका भरपूर आनंद उठा रही है। मुझे ट्रेन में घर जैसा लगता है और मैं अपने ढेर सारे दोस्तों से मिल सकती हूं और तमाम शहरों में जा सकती हूं। ऐसा लगता है मानो हर समय मैं छुट्टियों पर हूं।
मुलर ने जर्मन टीवी स्टेशन SWR को दिए इंटरव्यू में कहा, मैं पढ़ती हूं, लिखती हूं, खिड़कियों से बाहर देखती हूं और हर समय अच्छे लोगों से मिलती हूं। ट्रेन में हमेशा कुछ न कुछ करने के लिए होता है। मुलर अपने साथ एक छोटे बैग में कपड़े, टैबलेट कंप्यूटर, कॉलेज के दस्तावेज और सैनिटरी पैक रखती है।
ट्रेन में रहना आर्थिक रूप से भी उसके लिए फायदेमंद है। ट्रेन का एकमुश्त किराया जहां 380 डॉलर बैठता है, वहीं उसे अपने पहले अपार्टमेंट के लिए 450 डॉलर देने होते थे। हालांकि सस्ते में रहना उसका एकमात्र लक्ष्य नहीं है। वह कहती है, मैं लोगों को प्रेरित करना चाहती हूं कि वे अपनी आदतों और उन चीजों पर सवाल करें, जिन्हें वे सामान्य समझते हैं। लोग जितना समझते हैं उससे कहीं ज्यादा अवसर उनके पास होते हैं, बशर्ते वे उसे तलाशना चाहें।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं