प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
दिल्ली में एक ऐसा पुलिस स्टेशन भी है जो अपराधियों को पकड़ता है और उन्हें सुधारकर नौकरी भी दिलाता है. कीर्ति नगर का पुलिस स्टेशन यह कमाल कर रहा है. इस इलाके में ढाई सौ झुग्गी बस्तियां (स्लम) हैं, जहां जाने-अनजाने अपराध की दुनिया से ताल्लुक रखने वाले नाबालिगों को थाने में ही प्रशिक्षित कराकर नौकरी दिलाई जाती है.
कीर्ति नगर थाने के एसएचओ की निगाहें लगातार सीसीटीवी की मॉनिटरिंग पर लगी रहती हैं. थाने में देखा कि दूसरी मंजिल पर करीब ढाई सौ नौजवान लड़के-लड़कियां बेसब्री से अपने अपने इंटरव्यू का इंतजार कर रहे हैं. तीन महीने से यह युवा इसी थाने में कौशल विकास की ट्रेनिंग ले रहे थे. गुरुवार को थाने के बैरक नंबर 209 में अपराधियों की जगह बड़ी कंपनियों के लोग इन युवाओं के इंटरव्यू ले रहे थे.
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सालभर पहले चोरी के मामले में पकड़ा गया एक लड़का भी इंटरव्यू देने आया. उसने इसी थाने में हार्डवेयर मैकेनिक का तीन महीने का कोर्स किया है. गुरुवार को ढाई सौ छात्रों ने इंटरव्यू दिए. इनमें से दो दर्जन युवाओं का अपराध से जाने-अनजाने वास्ता रहा है. इन्हीं में से एक रजनी (बदला हुआ नाम) है जो पति के मर्डर के चलते जेल में बंद थी. घरवालों ने निकाल दिया था. अब वह एक बडे़ अस्पताल में नौकरी पर लग गई है.
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थाने की दूसरी मंजिल पर तीन महीने पहले ढाई सौ बेहद गरीब या पहली बार अपराध करने वाले युवाओं को प्रशिक्षण देने का काम शुरू हुआ था. एसएचओ कीर्ति नगर अनिल शर्मा बताते हैं कि प्रधानमंत्री के स्किल इंडिया के कार्यक्रम से जुड़कर वे इन बच्चों का प्रशिक्षण कराते हैं. अब तक रिस्पांस काफी प्रेरणादायक रहा है.
VIDEO : अपराधियों को सुधारने की कोशिश
पिछले साल दिल्ली में हत्या, रेप और चोरी जैसे अपराधों में करीब 2300 नाबालिगों को पुलिस ने पकड़ा था. नाबालिगों की बड़े पैमाने पर अपराधों में संलिप्तता को देखते हुए दिल्ली पुलिस का यह कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है. जरूरत इस तरह के कार्यक्रम को दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी में चलाने और ईमानदार प्रयास की है.
कीर्ति नगर थाने के एसएचओ की निगाहें लगातार सीसीटीवी की मॉनिटरिंग पर लगी रहती हैं. थाने में देखा कि दूसरी मंजिल पर करीब ढाई सौ नौजवान लड़के-लड़कियां बेसब्री से अपने अपने इंटरव्यू का इंतजार कर रहे हैं. तीन महीने से यह युवा इसी थाने में कौशल विकास की ट्रेनिंग ले रहे थे. गुरुवार को थाने के बैरक नंबर 209 में अपराधियों की जगह बड़ी कंपनियों के लोग इन युवाओं के इंटरव्यू ले रहे थे.
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सालभर पहले चोरी के मामले में पकड़ा गया एक लड़का भी इंटरव्यू देने आया. उसने इसी थाने में हार्डवेयर मैकेनिक का तीन महीने का कोर्स किया है. गुरुवार को ढाई सौ छात्रों ने इंटरव्यू दिए. इनमें से दो दर्जन युवाओं का अपराध से जाने-अनजाने वास्ता रहा है. इन्हीं में से एक रजनी (बदला हुआ नाम) है जो पति के मर्डर के चलते जेल में बंद थी. घरवालों ने निकाल दिया था. अब वह एक बडे़ अस्पताल में नौकरी पर लग गई है.
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थाने की दूसरी मंजिल पर तीन महीने पहले ढाई सौ बेहद गरीब या पहली बार अपराध करने वाले युवाओं को प्रशिक्षण देने का काम शुरू हुआ था. एसएचओ कीर्ति नगर अनिल शर्मा बताते हैं कि प्रधानमंत्री के स्किल इंडिया के कार्यक्रम से जुड़कर वे इन बच्चों का प्रशिक्षण कराते हैं. अब तक रिस्पांस काफी प्रेरणादायक रहा है.
VIDEO : अपराधियों को सुधारने की कोशिश
पिछले साल दिल्ली में हत्या, रेप और चोरी जैसे अपराधों में करीब 2300 नाबालिगों को पुलिस ने पकड़ा था. नाबालिगों की बड़े पैमाने पर अपराधों में संलिप्तता को देखते हुए दिल्ली पुलिस का यह कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है. जरूरत इस तरह के कार्यक्रम को दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी में चलाने और ईमानदार प्रयास की है.
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