अगर हम एक छोटी बच्ची को यह सोचने के लिए आज़ाद छोड़ दें कि वह कुछ भी बन सकती है, तो उसकी कल्पना कहां तक जा सकती है? अक्सर छोटी बच्चियों की ख़ास दोस्त समझी जाने वाली बार्बी डॉल का नया विज्ञापन ऐसा ही एक सवाल उठाता है।
इस नए कमर्शियल में नन्हीं बच्चियां अलग अलग रोल में नज़र आ रही हैं, प्रोफेसर से लेकर फुटबॉल कोच और डॉक्टर से लेकर बिज़नेस के लिए देश-विदेश घूमने वाली अतिव्यस्त अफसर। कुल मिलाकर बच्चियां वह सब कुछ बन सकती हैं जिसकी कल्पना वह अक्सर अपनी बार्बी के लिए करती हैं।
घिसी पिटी सोच के परे...
नारीवाद की लहर के बीच इस विज्ञापन ने बार्बी की उस पुरानी छवि को मिटाने की कोशिश की है जिस पर कई महिलावादी संगठन और हस्तियां आपत्ति जताती रहे हैं। बार्बी को बनाने वाली खिलौना कंपनी मैटल पर आरोप लगता रहा है कि वह अपनी इस लोकप्रिय गुड़िया के ज़रिए छोटी लड़कियों में घिसी पिटी सोच को बढ़ावा देने का काम करती है।
इस नए विज्ञापन के ज़रिए कंपनी अभिभावकों को यह बताने की कोशिश करती नज़र आ रही है कि कल्पनाशीलता के ज़रिए बार्बी उनकी बच्चियों को संभावनाओं की अपार दुनिया में ले जाती है। बार्बी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लिखा गया है कि इस कमर्शियल में छुपे हुए कैमरों के ज़रिए देखा गया है कि लड़कियां बड़े होकर क्या बनने के बारे में सोचती हैं।
हालांकि समाचार वेबसाइट बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन महीनों में बार्बी की बिक्री 4 प्रतिशत तक गिरी है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का कहना है कि लगातार बढ़ रहे इलेक्ट्रोनिक गेम्स और टैबलेट की वजह से बच्चों का ध्यान बार्बी की तरफ कम होता जा रहा है।
इस नए कमर्शियल में नन्हीं बच्चियां अलग अलग रोल में नज़र आ रही हैं, प्रोफेसर से लेकर फुटबॉल कोच और डॉक्टर से लेकर बिज़नेस के लिए देश-विदेश घूमने वाली अतिव्यस्त अफसर। कुल मिलाकर बच्चियां वह सब कुछ बन सकती हैं जिसकी कल्पना वह अक्सर अपनी बार्बी के लिए करती हैं।
घिसी पिटी सोच के परे...
नारीवाद की लहर के बीच इस विज्ञापन ने बार्बी की उस पुरानी छवि को मिटाने की कोशिश की है जिस पर कई महिलावादी संगठन और हस्तियां आपत्ति जताती रहे हैं। बार्बी को बनाने वाली खिलौना कंपनी मैटल पर आरोप लगता रहा है कि वह अपनी इस लोकप्रिय गुड़िया के ज़रिए छोटी लड़कियों में घिसी पिटी सोच को बढ़ावा देने का काम करती है।
बार्बी के नए विज्ञापन का एक दृश्य
इस नए विज्ञापन के ज़रिए कंपनी अभिभावकों को यह बताने की कोशिश करती नज़र आ रही है कि कल्पनाशीलता के ज़रिए बार्बी उनकी बच्चियों को संभावनाओं की अपार दुनिया में ले जाती है। बार्बी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लिखा गया है कि इस कमर्शियल में छुपे हुए कैमरों के ज़रिए देखा गया है कि लड़कियां बड़े होकर क्या बनने के बारे में सोचती हैं।
हालांकि समाचार वेबसाइट बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन महीनों में बार्बी की बिक्री 4 प्रतिशत तक गिरी है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का कहना है कि लगातार बढ़ रहे इलेक्ट्रोनिक गेम्स और टैबलेट की वजह से बच्चों का ध्यान बार्बी की तरफ कम होता जा रहा है।
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