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This Article is From Jan 16, 2011

देश में हर 4 मिनट में होती है 1 खुदकुशी

New Delhi: देश में हर 4 मिनट में कोई एक अपनी जान दे देता है और ऐसा करने वाले तीन लोगों में से एक युवा होता है यानी देश में हर 12 मिनट में 30 वर्ष से कम आयु का एक युवा अपनी जान ले लेता है। ऐसा कहना है राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो का। हाल ही में आए दुर्घटनाओं और आत्महत्या के कारण मौतों पर वर्ष 2009 के रिकार्ड के मुताबिक 2009 में कुल 1,27,151 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 68.7 प्रतिशत 15 से 44 वर्ष की उम्र वर्ग के थे। दिल्ली और अरुणाचल प्रदेश में आत्महत्या करने वालों में 55 प्रतिशत से ज्यादा 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के थे। दिल्ली में आत्महत्या करने वाले 110 में से 62 तथा अरुणाचल प्रदेश में आत्महत्या करने वाले 1,477 में से 817 इस उम्र वर्ग के थे। रिपोर्ट के मुताबिक, आत्महत्या करने वालों में 34.5 प्रतिशत की उम्र 15 से 29 साल के बीच थी, जबकि 34.2 प्रतिशत की उम्र 30 से 44 साल के बीच थी। इसके अनुसार, देश में रोज 223 पुरुष और 125 महिलाएं आत्महत्या करती हैं। इन महिलाओं में 69 घरेलू महिलाएं हैं। एक दिन में 73 लोग बीमारी के कारण और 10 लोग प्यार-मोहब्बत के चक्कर में आत्महत्या करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2009 में आत्महत्या के मामलों में 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। 2008 में आत्महत्या के 1,22,902 मामले थे, जो वर्ष 2009 में बढ़कर 1,27,151 हो गए।2009 में देश में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं पश्चिम बंगाल में हुईं। वहां एक साल में 14,648 लोगों ने अपनी जान ले ली। उसके बाद आंध्र प्रदेश का स्थान आता है, जहां 14,500 लोगों ने अपनी जान दे दी। फिर नंबर आता है तमिलनाडु (14,424), महाराष्ट्र (14,300) और कर्नाटक (12,195) का। इन पांच राज्यों में आत्महत्या करने वालों की कुल संख्या देश में आत्महत्या करने वालों की कुल संख्या का 55.1 प्रतिशत है। दक्षिण भारत के राज्यों आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल को मिलाकर देश में कुल आत्महत्या का 32.2 प्रतिशत इन्हीं राज्यों में होता है। 2009 में दिल्ली में 1,477 लोगों ने आत्महत्या की। वहीं उत्तर प्रदेश में आत्महत्या करने वालों की संख्या काफी कम रही। देश की 16.7 प्रतिशत जनसंख्या वाले राज्य में आत्महत्याओं का प्रतिशत केवल 3.3 रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 1999 के मुकाबले वर्ष 2009 में आत्महत्याओं की संख्या में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 1999 में आत्महत्या करने वालों की संख्या 1,10,587 थी, जो वर्ष 2009 में बढ़कर 1,27,151 हो गई। आत्महत्या के कारणों में पारिवारिक परेशानियां और बीमारियां सबसे ऊपर हैं। देश में 23.7 प्रतिशत लोग पारिवारिक परेशानी और 21 प्रतिशत बीमारियों के कारण आत्महत्या करते हैं। प्यार-मोहब्बत के चक्कर में सिर्फ 2.9 प्रतिशत और दहेज झगड़ों, ड्रग्स और गरीबी के कारण 2.3 प्रतिशत लोग आत्महत्या करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुष सामाजिक और आर्थिक परेशानियों के कारण तथा महिलाएं व्यक्तिगत और भावनात्मक कारणों से आत्महत्या करती हैं।

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