
वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला कृत्रिम बुद्धि वाला राजनीतिज्ञ विकसित किया है.
नई दिल्ली:
वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला कृत्रिम बुद्धि वाला राजनीतिज्ञ विकसित किया है जो आवास, शिक्षा, आव्रजन संबंधी नीतियों जैसे स्थानीय मुद्दों पर पूछे गए सवालों के जवाब दे सकता है. इतना ही नहीं, उसे 2020 में न्यूजीलैंड में होने वाले आम चुनाव में उम्मीदवार बनाने की तैयारियां भी जोरों पर हैं. इस आभासी राजनीतिज्ञ का नाम ‘सैम’ (एसएएम) रखा गया है और इसके रचनाकार न्यूजीलैंड के 49 वर्षीय उद्यमी निक गेरिट्सन हैं.
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उन्होंने कहा ‘ऐसा लगता है कि फिलहाल राजनीति में कई पूर्वाग्रह हैं, प्रतीत होता है कि दुनिया के देश जलवायु परिवर्तन एवं समानता जैसे जटिल मुद्दों का हल नहीं निकाल पा रहे हैं,’ कृत्रिम बुद्धि वाला राजनीतिज्ञ फेसबुक मेसेन्जर के जरिए लोगों को प्रतिक्रिया देना लगातार सीख रहा है, गेरिट्सन मानते हैं कि एल्गोरिदम में मानवीय पूर्वाग्रह असर डाल सकते हैं, लेकिन उनके विचार से पूर्वाग्रह प्रौद्योगिकी संबंधी समाधानों में चुनौती नहीं हैं.
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‘टेक इन एशिया’ की खबर में कहा गया है कि प्रणाली भले ही पूरी तरह ‘सटीक’ न हो, लेकिन यह कई देशों में बढ़ते राजनीतिक एवं सांस्कृतिक अंतर को भरने में मददगार हो सकती है. न्यूजीलैंड में साल 2020 के आखिर में आम चुनाव होंगे। गेरिट्सन का मानना है कि तब तक सैम एक प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरने के लिए तैयार हो जाएगा.
(इनपुट-भाषा से)
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उन्होंने कहा ‘ऐसा लगता है कि फिलहाल राजनीति में कई पूर्वाग्रह हैं, प्रतीत होता है कि दुनिया के देश जलवायु परिवर्तन एवं समानता जैसे जटिल मुद्दों का हल नहीं निकाल पा रहे हैं,’ कृत्रिम बुद्धि वाला राजनीतिज्ञ फेसबुक मेसेन्जर के जरिए लोगों को प्रतिक्रिया देना लगातार सीख रहा है, गेरिट्सन मानते हैं कि एल्गोरिदम में मानवीय पूर्वाग्रह असर डाल सकते हैं, लेकिन उनके विचार से पूर्वाग्रह प्रौद्योगिकी संबंधी समाधानों में चुनौती नहीं हैं.
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‘टेक इन एशिया’ की खबर में कहा गया है कि प्रणाली भले ही पूरी तरह ‘सटीक’ न हो, लेकिन यह कई देशों में बढ़ते राजनीतिक एवं सांस्कृतिक अंतर को भरने में मददगार हो सकती है. न्यूजीलैंड में साल 2020 के आखिर में आम चुनाव होंगे। गेरिट्सन का मानना है कि तब तक सैम एक प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरने के लिए तैयार हो जाएगा.
(इनपुट-भाषा से)
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