
Sawan 2025 Mahadev Temple: सावन का पवित्र महीना है और हर ओर शिवभक्ति की गूंज है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले में स्थित एक रहस्यमयी मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. यह मंदिर है देव बलौदा का अधूरा शिव मंदिर...जो वर्षों से अधूरा है, लेकिन मान्यता है कि यहां भोलेनाथ साक्षात विराजते हैं और हर भक्त की मुराद पूरी करते हैं. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यही है कि यह आज तक पूरा नहीं बन पाया. इसकी दीवारें अधूरी हैं, छत भी पूरी नहीं है, लेकिन हर सोमवार को यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं.

क्यों अधूरा रह गया मंदिर? (Dev Baloda Shiv Mandir)
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, जब मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ था, तभी कुछ रहस्यमयी घटनाएं घटित होने लगीं. एक बार निर्माण कार्य रोक दिया गया और फिर दोबारा कभी शुरू नहीं हो सका. लोगों का मानना है कि यह स्वयं भोलेनाथ की इच्छा थी कि मंदिर अधूरा रहे, ताकि यह स्थल चमत्कारी बना रहे.

सावन में लगता है विशेष मेला (Miraculous Shiv Temple in Chhattisgarh)
सावन के महीने में इस मंदिर में विशेष रौनक रहती है. सोमवार को यहां दूर-दूर से श्रद्धालु जल चढ़ाने आते हैं. भक्तों का मानना है कि जो सच्चे दिल से यहां मन्नत मांगता है, उसकी हर इच्छा जरूर पूरी होती है. यही वजह है कि यह मंदिर अब सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और चमत्कार का प्रतीक बन गया है.

बिना दीवारों के भी श्रद्धा की छत मजबूत (Unfinished Shiva Temple)
जहां कई मंदिर अपनी भव्यता और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध होते हैं, वहीं देव बलौदा का यह शिव मंदिर सिर्फ श्रद्धा के बल पर प्रसिद्ध है. न तो यहां भव्य मूर्तियां हैं, न ही सोने-चांदी की सजावट, फिर भी यह मंदिर हज़ारों लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है.

आज का युवावर्ग भी खिंचा चला आता है (Mysterious Shiva Temple)
मंदिर की चर्चा सोशल मीडिया पर भी तेज़ी से फैल रही है. Instagram, Facebook और YouTube पर यहां के वीडियो लाखों बार देखे जा चुके हैं. युवाओं के बीच भी यह मंदिर आस्था का नया केंद्र बनता जा रहा है.
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