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नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि रूसी क्षेत्र के ऊपर शुक्रवार को वायुमंडल के साथ उल्का के टकराव से जितनी ऊर्जा निकली, वह जापान के हिरोशिमा शहर पर अमेरिका की ओर से गिराए गए परमाणु बम से निकली ऊर्जा से 30 गुना ज्यादा थी।
55 फुट चौड़ा और 10 हजार टन वजनी चट्टान के रूस के उरल पर्वतीय क्षेत्र के ऊपर वायुमंडल के साथ हुए टकराव में भीषण विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए। यह आधुनिक समय की एक अभूतपूर्व घटना थी।
नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर स्थित मिटियोरायड एनवायर्नमेंट्स के अधिकारी बिल कुक ने 'न्यूयॉर्क डेली न्यूज' से कहा, इसकी ऊर्जा द्वितीय विश्वयुद्ध में इस्तेमाल (सभी) हथियारों की ऊर्जा से अधिक थी। चमकता आग का गोला सूर्य से अधिक चमकीला था और उससे करीब 500 किलोटन की ऊर्जा निकली, जो कि वर्ष 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 30 गुणा बड़ा था। इस विस्फोट से करीब 1200 लोग घायल हो गए। विस्फोट का वेग इतना भीषण था कि इससे हजारों मकान नष्ट हो गए।
मास्को से 1497 किलोमीटर पूर्व दिशा में स्थित चेलियाबिंस्क शहर में सबसे ज्यादा तबाही हुई। कुक ने कहा, उस विस्फोट के वेग की कल्पना कीजिए, जिससे शहर की ऊंची इमारतों के शीशे टूटकर बिखर गए। दीवारें धराशायी हो गईं... दरवाजे उड़ गए और उड़े मलबे से काफी संख्या में लोग घायल हो गए।
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