मुंबई:
शुक्रवार को रिलीज़ हुई द डर्टी पिक्चर 80 के दौर में साउथ की सेक्स सिंबल रही सिल्क स्मिता से प्रभावित है। यह सफर है गरीब लड़की रेशमा से सेंसेशनल स्टार सिल्क बनने का और फिर उसके डाउनफाल का। वह डांसर जो मौका मिलते ही अपनी सेंसेशनल अदाओं से फिल्म इंडस्ट्री को बता देती है कि उसमें स्टार बनने का मसाला कितना कूट-कूट कर भरा है। तेज दिमाग सिल्क टॉप फिल्मस्टार सूर्या यानी नसीरुद्दीन शाह का ईगो शांत करती है उसके सामने हथियार डालकर। अपने सबसे बड़े क्रिटिक डायरेक्टर अब्राहम यानी इमरान हाशमी की बातों को वह हंसकर टाल देती है लेकिन जब कामयाबी का घमंड सिर चढ़ता है तो ताश के पत्तों की तरह सिल्क की सल्तनत ढह जाती है। हालांकि डायरेक्टर मिलन लूथरिया की इस फिल्म की कहानी एक्सट्राआर्डिनरी नहीं। ना इसमें ढेरों टिवस्ट और टर्न हैं। लेकिन रजत अरोड़ा के धमाकेदार डायलॉग आपको ताली पीटने पर मजबूर कर देंगे। कुछ डायलॉग इस प्रकार हैं। 'ज़िंदगी एक मिली है तो सोचा दो बार क्यों जाए। 'चार दिन से चीनी खा रही हूं सर, नमकीन कैसे लगूंगी। 'हर आदमी के लिए एक औरत बनी है। उससे बच गए तो लाइफ बन जाएगी। 'फैमिली के साथ आप मेरी फिल्म नहीं देख सकते लेकिन मेरी फिल्म देखकर अपनी फैमिली जरूर बढ़ाते हैं। लगता है...पूरी फिल्म में हर करेक्टर ने दूसरे करेक्टर को मुंहतोड़ डायलॉग देने का कमिटमेंट कर रखा हो। सिल्क की बोल्ड पर्सनेलिटी को देखते हुए कई डबल मीनिंग डायलॉग हैं और शुरुआत में कुछ तो इतने भद्दे भी हैं कि लगता है…कानों के परदे फट जाएंगे। लेकिन धीरे-धीरे पता चलता है कि फिल्म चीप नहीं बल्कि इसमें सिल्क की मजबूरी उसका दर्द, शोषण और एडल्ट फिल्म स्टार को लेकर जमाने का डबलस्टैंडर्ड छुपा है। सिल्क के किरदार से आपको सहानुभूति हो जाएगी। विद्या बालन का बढ़िया परफॉरमेंस है। यह रोल आसान नहीं था जिसमें जान डालने के लिए विद्या को शर्म की कई हदें पार करनी पड़ी। लेकिन सिल्क की हिन्दी में साउथ का एक्सेंट क्यों नहीं है? सिल्क का एक डायलॉग है। फिल्में तीन वजह से चलती हैं-इंटरटेनमेंट, इंटटेनमेंट इंटरटेनमेंट। इस फिल्म में भी एडल्ट्स के लिए खासा इंटरटेनमेंट है। बस फैमिली के साथ भूलकर मत जाइए। 'द डर्टी पिक्चर' के लिए एनडीटीवी के विजय वशिष्ठ की रेटिंग है... 3.5 स्टार।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं