राजस्थान (Rajasthan) में जोधपुर (Jodhpur) के पास बालेसर (Balesar village) में 15 साल के लड़के (Mukesh Bishnoi) ने कुछ ऐसा किया, जिसको लिए उसकी हर जगह तारीफ हो रही है. लोग इस लड़के को रियल हीरो बता रहे हैं. 15 साल का मुकेश बिश्नोई हिरण को बचाने के लिए चार शिकारियों से भिड़ गया. जान को जोखिम में डालने वाला मुकेश हिरण को तो नहीं बचा पाया लेकिन शिकारी की बंदूक छीनने में सफल रहा. जोधपुर के बलेसर गांव के 15 वर्षीय मुकेश बिश्नोई रविवार रात को गोलियों की आवाज़ सुनकर बाहर निकला - उस वक्त उसको दो शिकारी 303 लाइसेंसी बंदूक के साथ दिखे.
पर्यावरण संरक्षण के लिए पश्चिमी राजस्थान में काम करने वाली एक गैर सरकारी संस्था- द ईआरडीएस फ़ाउंडेशन ने ट्विटर पर जानकारी दी. उनके अनुसार, कक्षा 10 के छात्र ने दो दोस्तों के साथ मिलकर लड़ाई के बाद शिकारियों पर काबू पा लिया. तीनों युवकों के हस्तक्षेप के कारण, शिकारियों को काबू में कर लिया गया और उन्हें काबू में कर लिया गया. उन्होंने अपनी बंदूक पीछे छोड़ दी लेकिन मृत चिंकारा के साथ भागने में सफल रहे.
एनजीओ ने किशोर और बंदूक की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "शिकारी बंदूक छोड़कर भाग निकले. लेकिन रात के अंधेरे में मृत चिंकारा के साथ भाग गए. नजदीकी पुलिस स्टेशन को मामले की सूचना दे दी गई है. हम ऐसे योद्धाओं को सलाम करते हैं."
He is Mukesh Bishnoi from Jodhpur(15), Class 10 student. Yesterday night heard a gun shot, ran towards that direction with two of his other friends. Had a faceoff with two armed (.303) Chinkara poachers. Able to overpowered gunned poacher after a good tussle. Kudos. @and_ecology pic.twitter.com/apNQjQxFFo
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) May 11, 2020
भारतीय वन सेवा के अधिकारी प्रवीण कासवान ने भी मुकेश की जमकर तारीफ की. उनके इस ट्वीट को अब तक 8 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. लोगों ने मुकेश की जमकर तारीफ की. लोगों ने ट्विटर पर ऐसे रिएक्शन्स दिए हैं...
Bishnoi community is always at forefront in conservation and protection of wildlife.
— Dr Bhagirath Manda IRS (@DrBhageerathIRS) May 11, 2020
Give this kid bravery award. It's exemplary devotion towards life of an animal of such beauty and grace. My respect
— Vaibhav Keshary (@VaibhavKeshary) May 11, 2020
A hero bearing a heroic tradition. https://t.co/Th045oNFFQ
— Sumati Mehrishi (@sumati_mehrishi) May 12, 2020
ईआरडीएस फाउंडेशन ने मुकेश बिश्नोई का एक वीडियो भी साझा किया जिसमें घटनाओं की श्रृंखला के बारे में बताया गया है. वीडियो में, वह कहता है कि उसने शिकारियों की बंदूक पकड़ ली लेकिन वे भागने में सफल रहे. किशोरी और उसके दोस्त घटना को एक वाहन में देखने के लिए निकले थे, लेकिन असफल रहे थे.
Here is complete incident, narrated by himself only. @ParveenKaswan @CentralIfs @DrBhageerathIRS @my_rajasthan @MlaSanchore @sumitdookia @Saket_Badola @SanctuaryAsia @BittuSahgal @HCL_Foundation @WWFINDIA @IUCNAsia @TilotamaVarma @WCCBHQ @WCT_India @WCSIndia pic.twitter.com/dQIPlygWmX
— The ERDS Foundation (@and_ecology) May 12, 2020
घटना की जांच जारी है. बिश्नोई समुदाय अपनी धार्मिक मान्यताओं के तहत जानवरों और पेड़ों की रक्षा करता है. द हिंदू के अनुसार, यह जोधपुर के पास चिंकारा की रक्षा करने के लिए उत्सुकता से जाना जाता है. हालांकि, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 के तहत जानवरों को संरक्षित किए जाने के बावजूद चिंकारा का शिकार आम बात है.
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