अमृतसर:
पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने गुरुवार को कहा कि वर्ष 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों के सफाये के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाने का फैसला ‘जल्दबाजी में लिया गया राजनीतिक निर्णय’ था।
आपरेशन के समय मेजर रहे जनरल सिंह ने दावा किया कि सेना इस ऑपरेशन को अंजाम देने को अनिच्छुक थी।
उन्होंने कहा कि स्वर्ण मंदिर में सेना भेजने का निर्णय जल्दबाजी में लिया गया था क्योंकि सेना को अपने ही लोगों के खिलाफ बंदूक उठाना कभी पसंद नहीं था।
उन्होंने तत्कालीन सेनाध्यक्ष (जनरल एएस वैद्य) का नाम लिए बिना कहा, ‘‘तत्कालीन सेना प्रमुख ने देश के ही लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जोरदार ढंग से ‘ना’ कह दिया था लेकिन उन्हें अपने राजनीतिक आकाओं के आदेश का पालन करना पड़ा।
जनरल सिंह यहां पर 31 मार्च से ‘जनलोकतंत्र मोर्चा’ के बैनर तले शुरू होने वाले मार्च से पहले एक बैठक के लिए आए थे। मार्च पंजाब के बाद हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश से गुजरेगा।
उन्होंने कहा कि ‘ऐसे गलत निर्णयों’ से ना केवल सेना बल्कि देश के लोग भी प्रभावित होते हैं।
आपरेशन के समय मेजर रहे जनरल सिंह ने दावा किया कि सेना इस ऑपरेशन को अंजाम देने को अनिच्छुक थी।
उन्होंने कहा कि स्वर्ण मंदिर में सेना भेजने का निर्णय जल्दबाजी में लिया गया था क्योंकि सेना को अपने ही लोगों के खिलाफ बंदूक उठाना कभी पसंद नहीं था।
उन्होंने तत्कालीन सेनाध्यक्ष (जनरल एएस वैद्य) का नाम लिए बिना कहा, ‘‘तत्कालीन सेना प्रमुख ने देश के ही लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जोरदार ढंग से ‘ना’ कह दिया था लेकिन उन्हें अपने राजनीतिक आकाओं के आदेश का पालन करना पड़ा।
जनरल सिंह यहां पर 31 मार्च से ‘जनलोकतंत्र मोर्चा’ के बैनर तले शुरू होने वाले मार्च से पहले एक बैठक के लिए आए थे। मार्च पंजाब के बाद हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश से गुजरेगा।
उन्होंने कहा कि ‘ऐसे गलत निर्णयों’ से ना केवल सेना बल्कि देश के लोग भी प्रभावित होते हैं।
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