विज्ञापन
This Article is From Apr 15, 2017

इस गांव के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने का उठाया बीड़ा, 'विलेन' को मिलती है ये सजा

इस गांव के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने का उठाया बीड़ा, 'विलेन' को मिलती है ये सजा
छत्तीसगढ़ के गांव तेजी से खुले में शौचमुक्त गांव का दर्जा पा रहे हैं.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
छत्तीसगढ़ के एक गांव में खुले में शौच करने पर 500 रुपये अर्थदंड
अभियान को गति देने 12 लोगों का स्वच्छता दल बनाया गया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर गांव वालों ने लिया संकल्प
रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार देश को स्वच्छ बनाने के लिए पूरे खुले में शौच बंद कराने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी है. इसी मिशन को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ का एक गांव पूरी कोशिश कर रहा है. यहां खुले में शौच करने पर 500 रुपये अर्थदंड लगाया जाता है. गांव को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छता दल रोज निगरानी भी करता है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि छत्तीसगढ़ के गांव तेजी से खुले में शौचमुक्त गांव का दर्जा पा रहे हैं. गांवों के खुले में शौचमुक्त होने के बाद अब लोग इतने जागरूक हो गए हैं कि वहां नियमित और स्थाई साफ-सफाई के लिए अपने स्तर पर इंतजाम कर रहे हैं.

'हमर छत्तीसगढ़' योजना में स्टडी टूर पर रायपुर आईं सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के बिरिमकेला पंचायत की पंच फूलकंवर सिंह बताती हैं कि बरसों से चली आ रही खुले में शौच करने की परंपरा पर रोक लगाना आसान नहीं था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 'स्वच्छ भारत मिशन' शुरू होने के बाद उनके पंचायत ने भी गांव को खुले में शौचमुक्त बनाने का संकल्प लिया.

अभियान को गति देने 12 लोगों का स्वच्छता दल बनाया गया है. इसमें छह महिलाओं और छह पुरुषों को शामिल किया गया है. दल को अलग पहचान देने के लिए नीले रंग का ड्रेस दिया गया है. यदि कोई ग्रामीण खुले में शौच करने जाते दिखता है, तो स्वच्छता दल के सदस्य व्हिसल बजाकर उसे आगाह करते हैं. खुले में शौच करने पर पंचायत द्वारा 500 रुपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है. अर्थदंड की यह राशि पंचायत के स्वच्छता फंड में जमा की जाती है.

फूलकंवर कहती हैं कि लोगों की जागरूकता और पंचायत के प्रयासों से गांव खुले में शौचमुक्त तो हो गया है, लेकिन गांव को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लगातार निरीक्षण और देखरेख भी जरूरी है. इसके लिए स्वच्छता निगरानी टीम बनाई गई है. बतौली विकासखंड के सभी गांवों में ऐसी टीम गठित की गई है. यह टीम हर महीने की 10 तारीख को बैठक कर अपने-अपने गांवों में स्वच्छता की स्थिति पर विचार-विमर्श करती है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com