कंप्यूटर का खर्च उठाने में सक्षम नहीं होने से लेकर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक में काम करने तक, "सड़कों पर सोने" से लेकर मुंबई के एक बड़े अपार्टमेंट में रहने तक - शाहीना अत्तरवाला (Shaheena Attarwala) जीवन की सभी चुनौतियों से मजबूत होकर आगे निकलीं हैं. अत्तरवाला, जो माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) में एक उत्पाद डिज़ाइन प्रबंधक (Product Design Manager) हैं, उन्होंने ऑनलाइन वायरल हो रहे एक ट्विटर थ्रेड में झुग्गी-झोपड़ी में पले-बढ़े अपने अनुभव के बारे में बताया और कैसे उनके जीवन को आकार दिया.
नेटफ्लिक्स सीरीज में उनके पुराने घर को देखने के बाद माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारी को समय पर वापस ले लिया गया था. उसने ट्विटर पर लिखा, "नेटफ्लिक्स सीरीज़ (Netflix series) 'बैड बॉय बिलियनेयर्स: इंडिया" (Bad Boy Billionaires: India) बॉम्बे में झुग्गी-झोपड़ियों के एक विहंगम दृश्य को दिखाती है, जहां मैं 2015 में अपने जीवन का निर्माण करने के लिए अकेले बाहर जाने से पहले बड़ी हुई थी. तस्वीरों में आप जिन घरों को देख रहे हैं, उनमें से एक हमारा है."
The @netflix series "Bad Boy Billionaires - India" Captures a birds-eye view of the slum in Bombay I grew up before moving out alone in 2015 to build my life.
— Shaheena Attarwala شاہینہ (@RuthlessUx) January 26, 2022
One of the homes you see in the photos is ours. You also see better public toilets which were not like this before. pic.twitter.com/fODoTEolvS
शाहीना अत्तरवाला ने NDTV को बताया, कि वह बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास दरगा गली झुग्गी में रहती थीं. उनके पिता तेलों के एक फेरीवाले थे जो उत्तर प्रदेश से मुंबई आ गए. उन्होंने कहा, "झुग्गी-झोपड़ी में जीवन मुश्किल था और इसने मुझे सबसे गंभीर जीवन स्थितियों, लिंग पूर्वाग्रह (gender bias) और यौन उत्पीड़न (sexual harassment) से अवगत कराया, लेकिन इसने सीखने और अपने लिए एक अलग जीवन बनाने की मेरी उत्सुकता को भी बढ़ाया."
"15 साल की उम्र तक, मैंने देखा था कि मेरे आस-पास की कई महिलाएं असहाय, आश्रित, दुर्व्यवहार करने वाली, और अपनी पसंद बनाने या वे जो बनना चाहती थीं उसकी स्वतंत्रता के बिना जीवन से जी रही थीं.
उसने एनडीटीवी को बताया, "मैं उस बेकार भाग्य को स्वीकार नहीं करना चाहती थी जो मेरा इंतजार कर रहा था."
Life in the slum was hard, it exposed me to severest living conditions, gender bias, & sexual harassment but it also fueled my curiosity to learn & to design a different life for myself. pic.twitter.com/RjLf4TfJzl
— Shaheena Attarwala شاہینہ (@RuthlessUx) January 26, 2022
जब अत्तरवाला ने पहली बार स्कूल में कंप्यूटर देखा, तो उनका रुझान उसकी ओर हुआ. उसने कहा, "मेरा मानना था कि कंप्यूटर एक महान स्तर का हो सकता है, जो कोई भी इसके सामने बैठा होगा, उसके पास अवसर होंगे."
हालांकि, खराब ग्रेड का मतलब था कि उसे कंप्यूटर कक्षाओं में भाग लेने के बजाय सुई का काम करने के लिए सौंपा गया था. इससे भी वह नहीं रुकी. अस्वीकृति के बावजूद, उसने प्रौद्योगिकी में अपना करियर बनाने का सपना देखा.
शाहीना अत्तरवाला ने अपने पिता को पैसे उधार लेने के लिए मजबूर किया ताकि वह एक स्थानीय कंप्यूटर क्लास में दाखिला ले सके. अपना कंप्यूटर लेने के लिए आवश्यक नकदी को एक साथ बचाने के लिए, उसने दोपहर का खाना छोड़ दिया और घर वापस आने लगी.
उसके बाद दृढ़ निश्चयी इस छात्रा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
अत्तरवाला ने कहा, "मैंने प्रोग्रामिंग छोड़ दी और डिजाइन में अपना करियर बनाने का फैसला किया क्योंकि डिजाइन ने मुझे विश्वास दिलाया कि संभावनाएं मौजूद हैं और चीजें बदल सकती हैं और तकनीक ही बदलाव का उपकरण है."
पिछले साल, वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद, शाहीना अत्तरवाला और उनका परिवार धूप, वेंटिलेशन और हरियाली वाले एक अपार्टमेंट में चले गए. झुग्गी-झोपड़ी में रहने और खाना न खाने के बचपन के बाद, यह कदम उनकी कड़ी मेहनत का एक बड़ा कदम और सबूत था.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मेरे पिता एक फेरीवाले थे और सड़कों पर सोने से लेकर जीवन जीने तक हम मुश्किल से सपने देख सकते थे. किस्मत, कड़ी मेहनत और लड़ाईयां मायने रखती हैं."
In 2021 my family moved to an apartment where we can see the sky from home, good sunlight & ventilation. Surrounded by birds & Greenery. From my father being a hawker & sleeping on roads to having a life, we could barely dream of. Luck, Hardwork & picking battles that matter???? pic.twitter.com/J2Ws2i4ffA
— Shaheena Attarwala شاہینہ (@RuthlessUx) January 26, 2022
आज, शाहीना अत्तरवाला के पास उन युवा लड़कियों के लिए कुछ सलाह है जो उसी स्थिति में हैं जैसे वह कभी थीं. "शिक्षा, कौशल और करियर हासिल करने के लिए जो कुछ भी करना है, वह करें, यही युवा लड़कियों के लिए एक बड़ा गेम-चेंजर बनने जा रहा है."
उनका ट्विटर थ्रेड लगभग 4,000 'लाइक्स' और सैकड़ों कमेंट्स के साथ वायरल हो गया है.
शाहीना ने अपने पिता के लिए कृतज्ञता का एक विशेष संदेश भी जोड़ा, जिन्होंने अपने परिवार को एक बेहतर जीवन देने के लिए दशकों तक बचाया और बलिदान किया. उसने कहा, "उनके पास कोई औपचारिक शिक्षा नहीं है, लेकिन उनके इत्र की कला ने सब कुछ बदल दिया"
"दशकों झुग्गी बस्तियों में रहने के बाद, उनके धैर्य और बलिदान ने हमें एक बेहतर जीवन की ओर बढ़ने में मदद की है. हमने बचत पर ध्यान केंद्रित किया, अपने साधनों से नीचे जीवनयापन किया और जहां आवश्यक हो वहां बलिदान दिया."
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