अपनी कंपनी में डिसिप्लिन मेंटेन करने के लिए सीनियर अधिकारी अलग-अलग तरह के रूल्स बनाते हैं. खासतौर से एंप्लाइज के समय पर आने के लिए बाध्य करने के उद्देश्य से कई नियम बनाए जाते हैं. कुछ कंपनियों में छुट्टियां काटने का प्रावधान होता है, तो कहीं देर से आने पर फाइन जमा करना पड़ता है. इन नियमों का असर आमतौर पर कंपनी के जूनियर एंप्लाइज पर ही पड़ता है. कंपनी के सीईओ या फाउंडर्स इस नियम के बंधन से आजाद होते हैं, लेकिन एक सीईओ के लिए अपना ही बनाया नियम भारी पड़ गया. उसे खुद एक महीने में एक हजार रुपये का फाइन अदा करना पड़ा. इस सीईओ ने खुद अपना ये एक्सपीरियंस शेयर किया.
खुद चुकाया फाइन
मुंबई बेस्ड कंपनी एवॉर ब्यूटी के सीईओ कौशल शाह ने कंपनी में एक खास नियम बनाया. ये नियम है कि जो भी समय से लेट होगा वो दो सौ रुपये का फाइन जमा करेगा. इस नियम के साथ ही कंपनी में आने का समय तय किया गया सुबह साढ़े नौ बजे. शाह के मुताबिक, ये नियम इसलिए बनाया गया था कि सभी लोग एक नीयत समय पर ऑफिस पहुंचे. इससे पहले सभी दस से ग्यारह बजे के बीच ऑफिस पहुंचा करते थे, लेकिन ये नियम बनाने के बाद खुद कौशल शाह के अकाउंट से हजार रुपये बतौर फाइन जमा हो चुके हैं, क्योंकि वो पांच बार लेट ऑफिस पहुंचे, जिसके बाद उन्हें हर बार दो सौ रुपये का फाइन अदा करना पड़ा. उन्होंने अपनी ट्विटर पोस्ट में लिखा कि, उन्होंने पांचवी बार ये पेनल्टी भरी है.
यहां देखें पोस्ट
Last week,
— Kaushal (@_kaushalshah) June 19, 2024
To increase the productivity in office,
I made a strict rule for everyone to be in the office by 9:30 am (earlier we used to come by 10-11)
and if we‘re late, we pay Rs.200 as penalty.
This is me paying it for the 5th time🫠 pic.twitter.com/4qYi6kTP17
यूजर्स ने कहा- यही है लीडरशिप
अपनी पोस्ट में शाह ने ये भी लिखा कि, वो ये जानकारी शेयर कर ये बताना चाह रहे हैं कि जो नियम बनते हैं उनका पालन फाउंडर्स को भी करना चाहिए. इस पोस्ट के बाद यूजर्स उनकी तारीफ में असली लीडर लिख कर एडमायर कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि, ये लीडरशिप का अच्छा एग्जांपल है. एक यूजर ने लिखा कि, हमारे सुपर बॉस भी ऐसा ही करते थे. बाद में उनके फाइन के पैसों से समोसे आते थे.
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