यह ख़बर 20 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मोइन की मौत के बाद भी बच्चे कर रहे हैं काम

खास बातें

  • सोमवार को मोइन नाम के एक कामगार बच्चे को उसके मालिक ने पीट−पीट कर मार डाला। लेकिन राजधानी दिल्ली में मोइन जैसे बदकिस्मत बच्चे और भी हैं।
नई दिल्ली:

सोमवार को मोइन नाम के एक कामगार बच्चे को उसके मालिक ने पीट−पीट कर मार डाला। लेकिन राजधानी दिल्ली में मोइन जैसे बदकिस्मत बच्चे और भी हैं। इस घटना के बाद दिल्ली के कई कारखानों में छापे भी पड़े लेकिन कारखानों के मालिक बेखौफ़ हैं…। वे मासूम बच्चों से अब भी काम करा रहे हैं। एक संगठन की शिकायत पर पुलिस ने ऐसे कई ठिकानों पर छापे मारे हैं। पूरे देश की बात करें तो देश में 6 करोड़ से ज्यादा बच्चे अलग-अलग कल−कारखानों में काम करते है। दिल्ली में इनकी तादाद करीब 5 लाख है। जिनमें से आधे से ज्यादा खतरनाक धंधों से जुड़े हैं। दिल्ली की हज़ारों गलियों में लाखों मासूम बच्चे हर पल मरने को मजबूर हैं। जिन हाथों में पेन या खिलौने होने थे उनमें इतना काम होता है के 24 घंटों में से 18 घंटे काम करने के बाद भी खत्म नहीं होता।


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