कोल्हापुर:
शादियां तय भले ही स्वर्ग में होती हैं, लेकिन यह संपन्न कहां, और किस रूप में होगी, यह कहना कठिन है.महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक अनोखी शादी 600 फुट से अधिक गहरी घाटी के ऊपर हवा में संपन्न हुई है.पर्वतारोही और फार्मा विक्रेता जयदीप जाधव और भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहीं, उनकी दुल्हन रेशमा पाटील ने रविवार को पश्चिमी घाट में इस अनोखे अंदाज में विवाह रचाया.
यहां देखें इस शादी से जुड़ा वीडियो
इस साहसी जोड़े के सलाहकार वेस्टर्न माउंटेन स्पोर्ट्स के अध्यक्ष विनोद काम्बोज ने कहा कि एडवेंचर स्पोर्ट्स के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जोड़े ने अपनी शादी को एक उदाहरण के रूप में पेश करने का निर्णय लिया.
जयदीप और रेशमा की शादी उनके माता-पिता द्वारा तय की गई थी और यह अनोखी शादी रविवार सुबह गांव भट्टली से करीब 15 किलोमीटर दूर विशालगढ़ और पनहला की 3000 फुट ऊंची चोटियों के बीच घाटी के ऊपर आसमान में सम्पन्न हुई.
काम्बोज ने कहा, "हालांकि जाधव इस अनोखी शादी के लिए पूरी तरह तैयार थे, लेकिन उनकी भावी पत्नी रेशमा के लिए हवा में रोमांच का यह पहला मौका था और वह इससे थोड़ा घबरा रही थीं.लेकिन वह भी उत्साह से इसके लिए तैयार हो गई." हवा में हुई यह अनोखी शादी पंडित सूरज ढोली ने संपन्न करवाई.शादी में 1,000 ग्रामीणों समेत 1,200 से ज्यादा लोग शरीक हुए.
पंडित ढोली ने बीच हवा में शादी के मंत्रोच्चार किए और पवित्र अग्नि के इर्द-गिर्द सात फेरों को छोड़कर सभी रीतियां सम्पन्न की.ढोली ने मंत्र पढ़े, जिन्हें शादी में उपस्थित नीचे खड़े मेहमानों ने कॉर्डलेस माइक्रोफोन की मदद से सुना.
जयदीप ने हवा में लटकते हुए ही रेशमा के गले में मंगलसूत्र पहनाया और दोनों ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली.बादलों और हल्की बूंदा-बांदी के बीच इस अनोखी शादी का पूरा माहौल बेहद रूमानी नजर आ रहा था.
काम्बोज ने कहा कि हवा में शादी के लिए तैयारियां शुक्रवार से ही शुरू हो गई थीं और इसके लिए भावी दुल्हन रेशमा को प्रशिक्षण भी दिया गया था.
रोमांच से भरपूर इस शादी के लिए तकनीकी सहायता और उपकरण मुंबई के मलय एडवेंचर्स के अध्यक्ष महिबूब मुजावर और कोल्हापुर के हिल राइडर्स एंड हाइकर्स ग्रुप ने उपलब्ध कराए थे.काम्बोज ने कहा कि शादी का पूरा खर्च करीब 50,000 रुपये आया है, जिसे वेस्टर्न माउंटेन स्पोर्ट्स, कोल्हापुर समेत तीन संगठनों ने उठाया है.
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इस साहसी जोड़े के सलाहकार वेस्टर्न माउंटेन स्पोर्ट्स के अध्यक्ष विनोद काम्बोज ने कहा कि एडवेंचर स्पोर्ट्स के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जोड़े ने अपनी शादी को एक उदाहरण के रूप में पेश करने का निर्णय लिया.
जयदीप और रेशमा की शादी उनके माता-पिता द्वारा तय की गई थी और यह अनोखी शादी रविवार सुबह गांव भट्टली से करीब 15 किलोमीटर दूर विशालगढ़ और पनहला की 3000 फुट ऊंची चोटियों के बीच घाटी के ऊपर आसमान में सम्पन्न हुई.
काम्बोज ने कहा, "हालांकि जाधव इस अनोखी शादी के लिए पूरी तरह तैयार थे, लेकिन उनकी भावी पत्नी रेशमा के लिए हवा में रोमांच का यह पहला मौका था और वह इससे थोड़ा घबरा रही थीं.लेकिन वह भी उत्साह से इसके लिए तैयार हो गई." हवा में हुई यह अनोखी शादी पंडित सूरज ढोली ने संपन्न करवाई.शादी में 1,000 ग्रामीणों समेत 1,200 से ज्यादा लोग शरीक हुए.
पंडित ढोली ने बीच हवा में शादी के मंत्रोच्चार किए और पवित्र अग्नि के इर्द-गिर्द सात फेरों को छोड़कर सभी रीतियां सम्पन्न की.ढोली ने मंत्र पढ़े, जिन्हें शादी में उपस्थित नीचे खड़े मेहमानों ने कॉर्डलेस माइक्रोफोन की मदद से सुना.
जयदीप ने हवा में लटकते हुए ही रेशमा के गले में मंगलसूत्र पहनाया और दोनों ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली.बादलों और हल्की बूंदा-बांदी के बीच इस अनोखी शादी का पूरा माहौल बेहद रूमानी नजर आ रहा था.
काम्बोज ने कहा कि हवा में शादी के लिए तैयारियां शुक्रवार से ही शुरू हो गई थीं और इसके लिए भावी दुल्हन रेशमा को प्रशिक्षण भी दिया गया था.
रोमांच से भरपूर इस शादी के लिए तकनीकी सहायता और उपकरण मुंबई के मलय एडवेंचर्स के अध्यक्ष महिबूब मुजावर और कोल्हापुर के हिल राइडर्स एंड हाइकर्स ग्रुप ने उपलब्ध कराए थे.काम्बोज ने कहा कि शादी का पूरा खर्च करीब 50,000 रुपये आया है, जिसे वेस्टर्न माउंटेन स्पोर्ट्स, कोल्हापुर समेत तीन संगठनों ने उठाया है.
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