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This Article is From Dec 31, 2020

इंदौर में जरूरतमंदों के लिए पहली बार बनाई गई ‘शिक्षा की दीवार’, जहां बच्चों को मिलेंगी मुफ्त किताबें

जरूरतमंद और पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई में किताबों की कमी उनके आगे बढ़ने में रुकावट न बने  और जरूरतमंद लोगों को पहनने के लिए कपड़े मिल सकें, इसके लिए शहर में एक नई पहल की शुरुआत की जा रहा है.

इंदौर में जरूरतमंदों के लिए पहली बार बनाई गई ‘शिक्षा की दीवार’, जहां बच्चों को मिलेंगी मुफ्त किताबें
इंदौर में जरूरतमंदों के लिए बनाई गई ‘शिक्षा की दीवार’, जहां बच्चों को मिलेंगी मुफ्त किताबें
इंदौर:

जरूरतमंद और पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई में किताबों की कमी उनके आगे बढ़ने में रुकावट न बने  और जरूरतमंद लोगों को पहनने के लिए कपड़े मिल सकें, इसके लिए शहर में एक नई पहल की शुरुआत की जा रहा है. देश में इंदौर ऐसा पहला शहर है जहां ऐसे बच्चों और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए 'शिक्षा की दीवार" बनाई गई है. इंदौर की आदर्श ग्रेटर कैलाश रोड पर जहां पहले से ही ‘नेकी की दीवार' बनी हुई है. इस पर अभी तक लोग कपड़े और जरूरत का सामान छोड़कर जाते थे, ताकि जरूरतमंद इन सामानों का इस्तेमाल कर सकें, जिनके पास कपड़े नहीं हैं, उन्हें कपड़े मिल सकें.

लेकिन, अब इसी के पास में ‘शिक्षा की दीवार' भी बनाई गई है. यहां पर लोग अपने बच्चों की अनुपयोगी कॉपी-किताबें व स्टेशनरी आइटम देकर जा सकते हैं. ये शिक्षण सामग्री जरूरतमंद बच्चों को दी जाएंगी, जिससे वह अपनी पढ़ाई कर सके. शिक्षा की दीवार पर एक बॉक्स होगा. इस बॉक्स में जरूरतमंद विद्यार्थी अपने विषय की किताबों को लिखकर पर्ची डाल देंगे. उस पर्ची पर लिखी जानकारी के मुताबिक उसे किताबें दे दीं जाएंगी. इसके लिए एक कर्मचारी भी नियुक्त होगा. वह किताबों की रखरखाव के साथ ‘शिक्षा की दीवार' की सभी व्यवस्थाओं पर भी नज़र रखेगा.

जिन विद्यार्थियों को ये किताबें दी जाएंगी. उनसे कहा जाएगा कि पढ़ाई पूरी होने के बाद वे किताबें फिर से शिक्षा की दीवार के पास छोड़कर चला जाए, ताकि इन किताबों को अन्य जरूरतमंद विद्यार्थियों को दिया जा सकें. लोगों का कहना है कि “शिक्षा की दीवार” और “नेकी की दीवार” एक सराहनीय पहल है. इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए.

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