New Delhi:
एशिया की दो क्रिकेट महाशक्तियां - भारत और श्रीलंका वर्ल्ड कप पाने के लिए पूरी जान लड़ा देंगी। दोनों टीमें तीसरी बार फाइनल में पहुंची हैं, लेकिन लंका के साथ जो M−factor जुड़ा हुआ है, वह दुनिया की किसी भी टीम को परेशान कर सकता है। मुथैया मुरलीधरन, अजंता मेंडिस, एंजिलो मैथ्यूज, महेला जयवर्धने और लसिथ मलिंगा...वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया को सावधान रहना होगा श्रीलंकाई टीम के M Factor से। यह M Factor 28 साल बाद टीम इंडिया का वर्ल्ड कप जीतने का सपना तोड़ सकता है। वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए धोनी की सेना को श्रीलंकाई M Factor को चकमा देना होगा। दुनिया के बेहतरीन स्पिनरों में शामिल मुथैया मुरलीधरन का ये आखिरी वर्ल्ड कप है और लीग मैचों में उनकी फाइटिंग स्पिरिट देखी जा चुकी है। चोट से परेशान रहने के बावजूद उन्होंने श्रीलंका की ओर से इस वर्ल्ड कप में 15 विकेट झटके हैं। वर्ल्ड कप में अजंता मेंडिस के खाते में सिर्फ 7 विकेट ही है, लेकिन जरूरत के समय वे विकेट झटकने में कामयाब रहे हैं। टीम इंडिया के बल्लेबाजों को स्पिनर की इस जोड़ी से चौकन्ना रहने की खास जरूरत है। वानखेड़े की स्लो पिच पर अगर दोनों दबाव बनाने में कामयाब रहे, तो भारत की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। एंजिलो मैथ्यूज ने टीम में ऑल राउंडर की भूमिका बखूबी निभाई है। हालांकि इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में चोट ने उन्हें परेशान किया, लेकिन उम्मीद है कि फाइनल जैसे बड़े मैच के लिए वह समय पर फिट हो जाएंगे। इस बल्लेबाज को भारतीय पिच पर खेलने का शानदार अनुभव रहा है। टीम इंडिया के गेंदबाजों को फाइनल की जंग जीतने के लिए इस बल्लेबाज़ को जल्दी पैवेलियन भेजना होगा। टीम इंडिया को सबसे ज्यादा खतरा है यार्कर के बादशाह लसिथ मलिंगा के नाम वर्ल्ड कप में चार गेंद पर चार विकेट लेने का रिकॉर्ड भी है। मलिंगा की यार्कर ने फाइनल में कहर ढाया, तो टीम इंडिया की खैर नहीं। धोनी की सेना को 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीतना है, तो निश्चित तौर पर M Factor का तोड़ ढूंढना होगा।
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