वर्शिल 8 जून को लेगा दीक्षा. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
देश में इस समय बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट आ रहे हैं. हर ओर एडमिशन के लिए मारामारी है. एक-एक नंबर के लिए लड़ाई है.ऐसे में अगर कोई होनहार छात्र 12 वीं की परीक्षा में 99.9 प्रतिशत नंबर लाए तो इतना तो तय हो जाता है वह इंजीनियर, डॉक्टर या सिविल सेवा में ही करियर बनाएगा. अहमदाबाद के रहने वाले 17 साल के वर्शिल शाह का जब रिजल्ट आया तो उनके घर में भी खुशी थी. वर्शिल फर्स्ट डिवीजन में ही पास नहीं हुआ है बल्कि उसने 99.9 फीसद अंक लाकर इतिहास रच दिया. उसने गुजरात बोर्ड की परीक्षा में टॉप किया है. अब आप सोच रहे हैं होंगे की वर्शिल क्या बनना चाहता है...
वर्शिल का यह कदम आपको हैरान कर सकता है क्योंकि वह डॉक्टर, इंजीनियर या कोई अधिकारी नहीं बनना चाहता है, वह जैन भिक्षु बनने जा रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक वर्शिल के अंकल नयनभाई सुथारी ने जानकारी दी है कि वर्शिल 8 जून को जैन भिक्षु की दीक्षा लेने जा रहा है. जैन भिक्षु बनने के लिए यह शुरुआती प्रक्रिया होगी. यह कार्यक्रम गांधीनगर में होगा.
उन्होंने जानकारी दी कि वर्शिल के बोर्ड में टॉप करने पर परिवार में खुशी तो हुई लेकिन किसी तरह का कोई धूम-धड़ाका या कार्यक्रम नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि वर्शिल का परिवार जैन धर्म का अनुनायी है और सब लोग भौतिक जीवने से दूरी बनाकर रखते हैं. वर्शिल के माता-पिता दोनों ही खुश हैं कि उनका बेटा जैन भिक्षु बनने जा रहा है.
परिवार में बेहद सादगी
वर्शिल की मां अमिबेन शाह और पिता जिगरभाई आयकर विभाग में हैं. इन दोनों ने अपने बेटे वर्शिल और बेटी जैनिनी को बहुत सादगी से जीवन जीना सिखाया है. पति-पत्नी दोनों ही जैन धर्म के बड़े अनुनायी हैं इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि घर में बिजली के इस्तेमाल तभी किया जाता है जब जरूरत होती है. इनका मानना है कि बिजली पैदा करने की जो प्रक्रिया है उससे कई मासूम जानवरों की मौत हो जाती है. घर में टीवी और फ्रिज भी नहीं है.
वर्शिल का यह कदम आपको हैरान कर सकता है क्योंकि वह डॉक्टर, इंजीनियर या कोई अधिकारी नहीं बनना चाहता है, वह जैन भिक्षु बनने जा रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक वर्शिल के अंकल नयनभाई सुथारी ने जानकारी दी है कि वर्शिल 8 जून को जैन भिक्षु की दीक्षा लेने जा रहा है. जैन भिक्षु बनने के लिए यह शुरुआती प्रक्रिया होगी. यह कार्यक्रम गांधीनगर में होगा.
उन्होंने जानकारी दी कि वर्शिल के बोर्ड में टॉप करने पर परिवार में खुशी तो हुई लेकिन किसी तरह का कोई धूम-धड़ाका या कार्यक्रम नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि वर्शिल का परिवार जैन धर्म का अनुनायी है और सब लोग भौतिक जीवने से दूरी बनाकर रखते हैं. वर्शिल के माता-पिता दोनों ही खुश हैं कि उनका बेटा जैन भिक्षु बनने जा रहा है.
परिवार में बेहद सादगी
वर्शिल की मां अमिबेन शाह और पिता जिगरभाई आयकर विभाग में हैं. इन दोनों ने अपने बेटे वर्शिल और बेटी जैनिनी को बहुत सादगी से जीवन जीना सिखाया है. पति-पत्नी दोनों ही जैन धर्म के बड़े अनुनायी हैं इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि घर में बिजली के इस्तेमाल तभी किया जाता है जब जरूरत होती है. इनका मानना है कि बिजली पैदा करने की जो प्रक्रिया है उससे कई मासूम जानवरों की मौत हो जाती है. घर में टीवी और फ्रिज भी नहीं है.
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