यह ख़बर 29 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मंगल से पहली बार भेजी गई इंसान की आवाज

खास बातें

  • सफलता की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए नासा के क्यूरियॉसिटी रोवर ने मंगल की सतह से पहली बार रिकॉर्ड की गई मानव आवाज को वापस धरती पर भेजा है।
वाशिंगटन:

सफलता की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए नासा के क्यूरियॉसिटी रोवर ने मंगल की सतह से पहली बार रिकॉर्ड की गई मानव आवाज को वापस धरती पर भेजा है।

यह आवाज रेडियो तरंगों के जरिये धरती से मंगल तक पहुंचाई गई थी, जिसे क्यूरियॉसिटी ने वहां पर रिकॉर्ड करके नासा के डीप स्पेस नेटवर्क को वापस भेजा है। यह आवाज इस अंतरिक्ष एजेंसी के प्रबंधक चार्ल्स बोल्डेन की है, जिसमें वह क्यूरियॉसिटी के सफलतापूर्वक मंगल पर उतर जाने के बाद नासा के कर्मियों और सहयोगियों को बधाई दे रहे हैं।

नासा द्वारा जारी इस संदेश में बोल्डेन ने कहा, हमें आशा है कि गेल क्रेटर पर हमारे निरीक्षणों और विश्लेषणों के जरिये हम मंगल पर जीवन की संभावना का पता लगा सकेंगे। साथ ही हमें हमारे अपने ग्रह के लिए भी भूत और भविष्य की संभावनाओं को समझने में आसानी होगी। क्यूरियॉसिटी पृथ्वी के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। यह वैज्ञानिकों और खोजकर्ताओं की एक नई पीढ़ी को प्रेरित करेगा। यह निकट भविष्य में मानव अभियान के लिए भी रास्ता तैयार कर रहा है।

बोल्डेन ने कहा कि मानव का कौतूहल शुरू से ही हमें क्षितिज के पार जाकर नया जीवन और नई संभावनाएं खोजने के लिए प्रेरित करता रहा है। क्यूरियॉसिटी  की इस उपलब्धि को एक इंसानी मौजूदगी का एक और नन्हा कदम बताते हुए क्यूरियॉसिटी  कार्यक्रम के प्रबंधकर्ता डेव लेवरी ने कहा, हमें आशा है कि ये शब्द उस व्यक्ति के लिए जरूर प्रेरणा का स्रोत रहेंगे, जो मंगल की सतह पर सबसे पहला कदम रखेगा। नील आर्मस्ट्रांग की तरह वह भी इंसानी खोज की इस लंबी छलांग के बारे में कह सकेगा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इस रिकॉर्डेड संदेश के अलावा क्यूरियॉसिटी ने रोवर पर लगे 100 मिलीमीटर के टेलीफोटो लेंस वाले मास्टकैमेरा यंत्र की मदद से मंगल पर स्थित माउंट शार्प नामक पर्वत के आसपास सतही उठाव और गड्ढों की साफ तस्वीरें भी भेजी हैं। यह क्यूरियॉसिटी की यात्रा वाला क्षेत्र है। नासा के अधिकारियों के अनुसार यह रोवर चुनिंदा इलाकों में जाकर वहां पर सूक्ष्मजीवीय जीवन के अनुकूल पर्यावरण की स्थितियां तलाशेगा।