
Thai Crocodile farms tourism: थाईलैंड, जो अपनी अनूठी संस्कृति, सुंदर समुद्र तटों और मंदिरों के लिए दुनियाभर में मशहूर है, अब एक और चौंकाने वाले कारण से चर्चा में है मगरमच्छ पालन. जहां भारत में लोग गाय, भैंस और बकरी जैसे पालतू जानवर पालते हैं, वहीं थाईलैंड में किसान और व्यापारी बड़े पैमाने पर मगरमच्छ पाल रहे हैं.
आश्चर्यजनक लेकिन पारंपरिक व्यवसाय (Thai Crocodile farms tourism)
थाईलैंड में मगरमच्छ पालन कोई नई बात नहीं है. यह दशकों से चली आ रही परंपरा है, जो अब एक संगठित और कानूनी उद्योग बन चुकी है. देश में करीब 1,000 से अधिक मगरमच्छ फार्म हैं, जिनमें लगभग 12 लाख मगरमच्छ पाले जा रहे हैं. ये फार्म मगरमच्छों की खाल, मांस और खून तक के लिए इन्हें पालते हैं.
कानूनी और संरक्षित प्रक्रिया (Wildlife tourism Thailand)
थाई सरकार ने मगरमच्छ पालन को पूरी तरह से कानूनी बनाया है और इसके लिए खास दिशा-निर्देश और लाइसेंस प्रणाली भी लागू की गई है. फार्म में जानवरों की सेहत का पूरा ध्यान रखा जाता है. प्रशिक्षित विशेषज्ञ मगरमच्छों के खान-पान और स्वास्थ्य की निगरानी करते हैं, ताकि यह प्रक्रिया मानवीय और पर्यावरण-अनुकूल बनी रहे.
मगरमच्छ उत्पादों की भारी डिमांड (Thailand Crocodile Industry)
थाईलैंड के इन फार्मों में तैयार की गई मगरमच्छ की खाल का उपयोग महंगे हैंडबैग, वॉलेट, बेल्ट जैसे लक्जरी आइटम्स में किया जाता है. यह खाल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काफी डिमांड में रहती है. वहीं मगरमच्छ का मांस स्थानीय बाजारों के साथ-साथ विदेशों में भी बेचा जाता है, जिसे प्रोटीन से भरपूर और हेल्दी माना जाता है.
आर्थिक और रोजगार का मजबूत आधार (Thai economy and wildlife trade)
यह अनोखा व्यापार थाईलैंड की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहा है. इससे न सिर्फ हजारों लोगों को रोजगार मिलता है, बल्कि देश को विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होती है. निर्यात से होने वाली कमाई थाईलैंड के व्यापार को एक नई ऊंचाई देती है.
पर्यटन में भी बन रहा है हॉटस्पॉट (Magarmachh palan Thailand)
कई मगरमच्छ फार्म आजकल पर्यटकों के लिए खुले हैं, जहां लोग मगरमच्छों की लाइफस्टाइल, पालन और प्रजनन प्रक्रिया को करीब से देख सकते हैं. यह फार्म न केवल जानकारी प्रदान करते हैं, बल्कि स्थानीय टूरिज्म और इकोनॉमी को भी मजबूती देते हैं. थाईलैंड का मगरमच्छ पालन एक अनूठा उदाहरण है, जो दिखाता है कि कैसे एक पारंपरिक और अद्भुत प्रथा को आधुनिक बिज़नेस में बदला जा सकता है.
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