नई दिल्ली:
देश में साल 2011 में बच्चों के खिलाफ अपराधों की सूची में राजधानी दिल्ली शीर्ष पर है, जबकि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में क्रमश: बच्चों से दुष्कर्म और हत्या के सर्वाधिक मामले दर्ज हुए हैं।
देश में 2011 में बच्चों के खिलाफ अपराध संबंधी कुल 33 हजार 98 मामले दर्ज हुए, जबकि 2010 में यह आंकड़ा 26 हजार 694 था। यानी बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड शाखा (एनसीआरबी) के अनुसार, बच्चों के खिलाफ अपराध की दर दिल्ली में सबसे ज्यादा (25.4 प्रतिशत) है, जबकि इस सूची में आगे अंडमान-निकोबार द्वीप समूह (20.3 प्रतिशत), चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ (7-7 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (6 प्रतिशत) और गोवा (5.1 प्रतिशत) हैं।
2011 में देश में नवजात शिशुओं सहित बच्चों की हत्या के कुल 1514 मामले दर्ज हुए, जबकि 2010 में यह आंकड़ा 1508 था। उत्तर प्रदेश में इस तरह के मामलों की सबसे ज्यादा संख्या (326) दर्ज हुई, जो देश में कुल मामलों का 22.9 प्रतिशत है। अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में 2011 में बच्चों की हत्या का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ।
देश में 2011 में बच्चों से बलात्कार के कुल 7,112 मामले दर्ज हुए, जबकि 2010 में यह आंकड़ा 5,484 था। यानी ऐसे मामलों में 29.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मध्य प्रदेश में बलात्कार के सर्वाधिक मामले (1262) दर्ज हुए, जबकि उत्तर प्रदेश (1,088) दूसरे और महाराष्ट्र (818) तीसरे स्थान पर रहा।
इसी तरह, 2011 में बच्चों के अपहरण के कुल 15,282 मामले दर्ज हुए, जबकि 2010 में यह आंकड़ा 10,670 था। इस संबंध में उत्तर प्रदेश (3,739) पहले, जबकि दिल्ली (3,528) दूसरे स्थान पर रहा।
इसके अलावा, 2011 में वेश्यावृत्ति के लिए लड़कियों को बेचने’ के 113 मामले और लड़कियों को खरीदने के 27 मामले दर्ज हुए।
देश में 2011 में बच्चों के खिलाफ अपराध संबंधी कुल 33 हजार 98 मामले दर्ज हुए, जबकि 2010 में यह आंकड़ा 26 हजार 694 था। यानी बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड शाखा (एनसीआरबी) के अनुसार, बच्चों के खिलाफ अपराध की दर दिल्ली में सबसे ज्यादा (25.4 प्रतिशत) है, जबकि इस सूची में आगे अंडमान-निकोबार द्वीप समूह (20.3 प्रतिशत), चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ (7-7 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (6 प्रतिशत) और गोवा (5.1 प्रतिशत) हैं।
2011 में देश में नवजात शिशुओं सहित बच्चों की हत्या के कुल 1514 मामले दर्ज हुए, जबकि 2010 में यह आंकड़ा 1508 था। उत्तर प्रदेश में इस तरह के मामलों की सबसे ज्यादा संख्या (326) दर्ज हुई, जो देश में कुल मामलों का 22.9 प्रतिशत है। अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में 2011 में बच्चों की हत्या का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ।
देश में 2011 में बच्चों से बलात्कार के कुल 7,112 मामले दर्ज हुए, जबकि 2010 में यह आंकड़ा 5,484 था। यानी ऐसे मामलों में 29.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मध्य प्रदेश में बलात्कार के सर्वाधिक मामले (1262) दर्ज हुए, जबकि उत्तर प्रदेश (1,088) दूसरे और महाराष्ट्र (818) तीसरे स्थान पर रहा।
इसी तरह, 2011 में बच्चों के अपहरण के कुल 15,282 मामले दर्ज हुए, जबकि 2010 में यह आंकड़ा 10,670 था। इस संबंध में उत्तर प्रदेश (3,739) पहले, जबकि दिल्ली (3,528) दूसरे स्थान पर रहा।
इसके अलावा, 2011 में वेश्यावृत्ति के लिए लड़कियों को बेचने’ के 113 मामले और लड़कियों को खरीदने के 27 मामले दर्ज हुए।
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