उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर चल रहे बचाव अभियान (rescue operations in Uttarakhand) में आज भारतीय वायु सेना के नए अधिग्रहित चिनूक सीएच-47 एफ हेलीकॉप्टरों (Chinook CH-47F helicopters) का इस्तेमाल किया गया. बहु-एजेंसी मिशन के लिए आवश्यक कार्मिक और सामग्री दोनों में लाए गए उन्नत बहु-मिशन विमान, चमोली क्षेत्र में तपोवन सुरंग (Tapovan tunnel) में इस्तेमाल किए गए जहां रविवार को ग्लेशियर के फटने और बाढ़ के कारण बह सबकुछ बह गया.
चिनूक, अमेरिकी फर्म बोइंग से भारत के नवीनतम अधिग्रहणों में से एक है, जो कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, "वायुसेना को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूर्ण स्पेक्ट्रम में" रणनीतिक एयरलिफ्ट क्षमता प्रदान करता है. भारत ने मार्च 2020 तक इन हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी ले ली. वे 2015 में हस्ताक्षरित $ 3 बिलियन पैकेज डील का हिस्सा थे, जिसमें 22 एएच -64 ई अपाचे लॉन्गबो अटैक हेलीकॉप्टरों के अलावा इनमें से 15 विमान शामिल थे.
आईएएएफ ने पहले उन्हें कोरोनोवायरस महामारी के बीच अरुणाचल प्रदेश की उच्चतर पहुंच वाले दूरदराज के इलाकों में एयरलिफ्ट आपूर्ति के लिए तैनात किया था.
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