
आजकल ऑनलाइन खरीदारी का चलन काफी बढ़ गया है. कपड़ों और कॉस्मेटिक्स ही नहीं लोग खाने-पीने की सभी चीजों को भी ऑनलाइन एप्स के जरिए ही खरीदना पसंद करने लगे हैं. घर बैठे एक क्लिक पर आपके पसंद और जरूरत की चीजें हाजिर हो जाती हैं. बच्चे भी इस बात से अंजान नहीं रहे कि ऑनलाइन एप्स हमारे जीवन में कितनी बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं. नौ साल के एक बच्चे ने तो अपने स्कूल असाइनमेंट में भी इसका जिक्र कर डाला.
तीसरी कक्षा के छात्र दक्ष को एक वर्कशीट दी गई थी, जिसमें उसे यह बताना था कि उसका परिवार अलग-अलग खाने-पीनी की चीजें कहां से खरीदता है. लेकिन हर आइटम के लिए अलग-अलग जवाब देने के बजाय, दक्ष ने लगभग हर आइटम के लिए “ब्लिंकिट” (Blinkit) लिखा. फल, सब्ज़ियां, चावल, ब्रेड, चीनी, गेहूं, तेल, दाल, दूध और यहां तक कि अनाज भी. एकमात्र अपवाद मांस था, जिसके लिए उसने “लिशियस” लिखा, जो कच्चे मांस की डिलीवरी में विशेषज्ञता वाला एक ऐप है.
उसकी मां को जवाब इतने मज़ेदार लगे कि उसने ब्लिंकिट के इंस्टाग्राम पेज पर वर्कशीट की एक तस्वीर साझा की, जिसमें कैप्शन लिखा: “हाहाहा यह मेरे 9 साल के बच्चे का एक बेहतरीन काम है.”
ब्लिंकिट ने पोस्ट को कैप्शन के साथ साझा किया, “केवल पूकी सामग्री,” और पोस्ट पर लिखा है, “ब्लिंकिट एडमिन अपने फ़ोन को देखते हुए रोते हुए देखे गए.”
पोस्ट देखें:
पोस्ट तेज़ी से वायरल हो गई, जिसे 5,000 से ज़्यादा लाइक मिले. लिशियस ने भी पोस्ट पर कमेंट किया, “यह तो मैथ्स प्रॉब्लम्स में अपना नाम देखने जैसा हो गया”. एक यूजर ने लिखा, “बेटा 0 मार्क्स के लिए मशहूर हो रहा है,” जबकि दूसरे यूजर ने कहा, “मम्मी डाटोगी नहीं क्योंकि मेरे जवाब में ब्लिंक इट लिख के आई हूं.”
चौथे यूजर ने कमेंट किया, “ब्लिंकिट बच्चों को अच्छे तरीके से बिगाड़ रहा है.” पांचवें यूजर ने ब्लिंकिट को सुझाव दिया, “उसे कुछ खुशी दो.” कई इंस्टाग्राम यूजर्स ने दक्ष को “ब्लिंकिट पग्लू” कहा.
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