नई दिल्ली:
इस वक्त चारों ओर चंद्रग्रहण की चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया से लेकर, दफ्तरों, गली-मोहल्ले और चाय की दुकानों पर हर कोई इस दुर्लभ खगोलीय घटना के बारे में ही बात कर रहा है. जी हां, मौका ही कुछ ऐसा है. इस बार ब्लडमून, ब्लूमून और सुपरमून तीनों घटनाएं एक साथ हो रही हैं. ऐसे में लोगों को इसे लेकर बहुत कंफ्यूजन भी है. चलिए हम आपकी समस्या दूर कर देते हैं. यहां पर हम आपको इस चंदग्रहण के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बता रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आपका कंफ्यूजन भी दूर हो जाएगा और सही व सटीक जानकारी भी मिल जाएगी
चंद्र ग्रहण के दिन पैदा होना अशुभ नहीं, Facebook के CEO हैं इसकी मिसाल
1. इस बार एक साथ तीन खगोलीय घटनाएं हो रही हैं- ब्लडमून, सुपरमून, और ब्लूमून.
2. चांद जब अपनी कक्षा में पृथ्वी से सबसे नजदीक होता है तो सामान्य से ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखता है. इसे सुपरमून कहते हैं.
3. आम तौर पर दो पूर्णिमा के बीच 29 दिन का फर्क होता है. ऐसे में एक ही महीने में दो पूर्णिमा होना दुर्लभ है, लेकिन ऐसा होने की स्थिति को ही ब्लूमून कहते हैं. दो जनवरी को भी पूर्णिमा थी.
ग्रहण के दौरान नहीं करने चाहिए ये तीन काम
4. चंद्रग्रहण के दौरान चांद लाल दिखता है जिसे ब्लड मून अर्थात रक्तिम चांद कहा जाता है.
5. इससे पहले ऐसा चंद्रग्रहण 1982 में दिखा था जब नीला चांद और पूर्ण चंद्रग्रहण एक साथ भारत में दिखे थे.
6. चंद्रग्रहण 4 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो चुका है. यही वो समय था जब चांद ने पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश किया.
7. शाम 6 बजकर 21 मिनट पर पृथ्वी की छाया चांद पर होगी और अंधेरा छाया रहेगा.
सुपर मून 2018 : 14 फीसदी ज्यादा चमकीला होगा चांद
8. शाम 7 बजकर 37 मिनट रक्तिम चांद दिखेगा.
9. रात 9 बजकर 38 मिनट चंद्रग्रहण खत्म हो जाएगा, जब चांद धरती की छाया से निकल जाएगा.
10. भारत में 76 मिनट के लिए लोग बिना टेलीस्कोप या किसी अन्य उपकरण की मदद के अपनी आंखों से सीधे इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देख सकेंगे.
चंद्र ग्रहण के दिन पैदा होना अशुभ नहीं, Facebook के CEO हैं इसकी मिसाल
1. इस बार एक साथ तीन खगोलीय घटनाएं हो रही हैं- ब्लडमून, सुपरमून, और ब्लूमून.
2. चांद जब अपनी कक्षा में पृथ्वी से सबसे नजदीक होता है तो सामान्य से ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखता है. इसे सुपरमून कहते हैं.
3. आम तौर पर दो पूर्णिमा के बीच 29 दिन का फर्क होता है. ऐसे में एक ही महीने में दो पूर्णिमा होना दुर्लभ है, लेकिन ऐसा होने की स्थिति को ही ब्लूमून कहते हैं. दो जनवरी को भी पूर्णिमा थी.
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4. चंद्रग्रहण के दौरान चांद लाल दिखता है जिसे ब्लड मून अर्थात रक्तिम चांद कहा जाता है.
5. इससे पहले ऐसा चंद्रग्रहण 1982 में दिखा था जब नीला चांद और पूर्ण चंद्रग्रहण एक साथ भारत में दिखे थे.
6. चंद्रग्रहण 4 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो चुका है. यही वो समय था जब चांद ने पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश किया.
7. शाम 6 बजकर 21 मिनट पर पृथ्वी की छाया चांद पर होगी और अंधेरा छाया रहेगा.
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8. शाम 7 बजकर 37 मिनट रक्तिम चांद दिखेगा.
9. रात 9 बजकर 38 मिनट चंद्रग्रहण खत्म हो जाएगा, जब चांद धरती की छाया से निकल जाएगा.
10. भारत में 76 मिनट के लिए लोग बिना टेलीस्कोप या किसी अन्य उपकरण की मदद के अपनी आंखों से सीधे इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देख सकेंगे.
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