प्रश्नपत्र के सेक्शन डी में पूछा गया सवाल इस प्रकार था...
"संपूर्ण भारत की जनता उत्तरी भारत के बड़े भाग की वायु की बिगड़ती हुई गुणवत्ता को लेकर बहुत अधिक चिंतित है... इस स्थिति से संत्रस्त होकर आपके इलाके की रिहायशी कल्याण संस्था ने 'दफ़नाइए, जलाइए मत' जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया... जीव-विज्ञान के विद्यार्थी होने के नाते संस्था ने इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है...
a) दफ़नाने को बढ़ावा देने तथा जलाने को निरुत्साहित करने के आपके तर्क की पुष्टि किस प्रकार करेंगे...? (कोई दो कारण दीजिए)...
b) प्रवाह-चार्टों, प्रत्येक कार्यवाही के लिए एक-एक, की सहायता से, कार्यवाही के पश्चात् होने वाली परिघटनाओं की शृंखला की चर्चा कीजिए..."
हालांकि कुछ देर तक सोशल मीडिया पर हंगामा मचे रहने के बाद बहुत-से लोगों ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि सवाल मानव शरीरों के अंतिम संस्कार के बारे में नहीं पूछा गया है, और लोगों ने बेवजह ही इसे मानवों की अंत्येष्टि से जोड़ दिया है...
दरअसल, आलोक भट्ट नामक यूज़र ने 5 अप्रैल को इस प्रश्नपत्र को अपलोड करते हुए मानव संसाधन एवं विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को टैग किया था और कहा था, "यह सवाल जीव-विज्ञान से कितना संबंधित है...?"
Dear @PrakashJavdekar here is the Qn from today's Biology Qn paper for Class 12th @HRDMinistry pic.twitter.com/DGGfBSCVlL
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) April 5, 2017
...और तभी से इस ट्वीट पर बहुत-सी प्रतिक्रियाएं आती रही हैं...
चूंकि सवाल की भाषा बहुत स्पष्ट नहीं थी, और उसमें गलतफहमी की गुंजाइश थी, सो, शुरुआत में ज़्यादातर लोगों ने गुस्सा ज़ाहिर करना शुरू कर दिया था, लेकिन बाद में सवाल को गौर से पढ़ने पर कुछ यूज़रों को एहसास हुआ कि सवाल पेड़ों से गिरने वाले पत्तों के संदर्भ में पूछा गया है, मानव शरीरों के संदर्भ में नहीं...
@alok_bhatt Unacceptable @ any cost. Don't play with the sentiments of Hindu. @PrakashJavdekar @HRDMinistry
— mahendra (@mahendradave) April 5, 2017
@alok_bhatt @PrakashJavdekar @HRDMinistry whats wrong with Teachers,examiners&HRD ministry?Are thy planning to tear up the social fabric of our nation&leave no place for our children
— Strategic Securities (@strattsec) April 5, 2017
@alok_bhatt @PrakashJavdekar @HRDMinistry This is utter nonsense. The paper setter should be booked for insulting Hindus and creating religious divide. This is a deliberate mischief.
— KSV SUBRAMANIAN (@KSVSUBRAMANIAN) April 5, 2017
@alok_bhatt @PrakashJavdekar @HRDMinistry Er, I think it is obvious the question is about leaves and not human bodies. What does an RWA have to do with disposal of human bodies?
— Siddharth (@svaradarajan) April 5, 2017
@alok_bhatt @PrakashJavdekar @HRDMinistry Alok,I think U've misunderstood..this is abt burning leaves which a lot of RWA's in Delhi/Chandigarh witness in local parks by d gardeners
— Banisha
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