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एम्स में पिछले 16 दिनों से जीवन के लिए कठिन लड़ाई लड़ रही दो वर्षीय बच्ची फलक के रक्त में संक्रमण के कारण आज उसकी हालत कुछ और खराब हो गई।
मिश्रा ने कहा, "फलक की हालत यदि जीवन रक्षक उपकरण के बिना सामान्य बनी रहती है, तो यह निश्चित रूप से उसके स्वास्थ्य में सुधार का लक्षण होगा। एंटीबायोटिक दवा देने के बाद से बच्ची के फेफड़े के संक्रमण में कमी आई है।" उल्लेखनीय है कि फलक छाती, मस्तिष्क और रक्त के संक्रमण का सामना कर रही है। उसे ट्यूब के जरिए दवा दी जा रही है।
मिश्रा ने कहा, "हमारी मुख्य चिंता सेप्टीसीमिया (रक्त संक्रमण) है। हम उसकी हर घड़ी नजर रख रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण है कि अगले 48 घंटे में उसका स्वास्थ्य कैसा रहता है।" इस बीच, फलक को अस्पताल पहुंचाने वाली 14 वर्षीय लड़की को वेश्यावृत्ति में धकेलने वाली आरती नाम की महिला को गिरफ्तार किया गया है। महिला को दक्षिणी दिल्ली के मुनरिका इलाके से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय चौधरी ने कहा, "आरती को तीन दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा जाएगा। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह कुछ दिनों से मुनरिका में किराए के एक मकान में रह रही थी।" चौधरी ने बताया, "वह एक आदमी के साथ रहती थी और देह-व्यापार में शामिल थी।" आरती गिरफ्तार दूसरी महिला पूजा की सहयोगी है। पुलिस ने बुधवार को संदीप, उसकी पत्नी पूजा एवं किशोरी के पिता जितेंद्र कुमार गुप्ता को गिरफ्तार करने की घोषणा की थी। जितेंद्र पर किशोरी को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप है।
गौरतलब है कि बुरी तरह घायल दो साल की फलक को 18 जनवरी को एक किशोरी लाई थी। बच्ची का सिर फूटा हुआ था और मस्तिष्क में दाईं ओर खून जम गया था। उसके समूचे शरीर पर इंसान के दांत के काटने के निशान थे। इस किशोरी ने खुद को बच्ची की मां बताया था। किशोरी को बाल संरक्षण गृह भेज दिया गया। किशोरी को मामले के फरार आरोपी राजकुमार से यह बच्ची मिली थी। पुलिस ने बताया कि किशोरी के पिता जितेंद्र एवं उसकी सहयोगी पूजा ने उसे देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया था। इस दौरान किशोरी की मुलाकात मामले के मुख्य आरोपी राजकुमार से हुई और दोनों ने शादी कर ली।
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