प्रतीकात्मक फोटो
हैदराबाद:
आपने ऐसी बहुत सी फिल्मे देखी होंगी जिनमें एक आदमी बेहद गरीब होता है और फिर इतना अमीर हो जाता है कि दुनिया की कोई भी खुशी खरीदना उसके बाएं हाथ का खेल होता है. वहीं ऐसी भी फिल्में होती हैं जिनमें दिखाया जाता है कि कैसे राजा से रंक बनने में देर नहीं लगती. लेकिन क्या कभी आपका सामना रियल लाइफ में ऐसे लोगों से हुआ है? यहां पर हम आपको ऐसी ही दो महिलाओं की कहानी बता रहे हैं जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, हैदराबाद के सिटी कमिशनर ने ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप समिट 2017 (GES) के मद्देनजर भीख मांगने वालों पर बैन लगा दिया है. लेकिन इस बैन के मद्देनजर दो हैरान कर देने वाले मामले सामने आए हैं.
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पहली कहानी 50 साल की फरजोना की है. इस महिला को हैदराबाद में भीख मांगते हुए पकड़ा गया. खास बात यह है कि महिला ने एमबीए किया है और लंदन में बतौर एकाउंट ऑफिसर काम कर चुकी हैं. उन्हें चेरापल्ली सेंट्रल जेल में बने आनंद आश्रम में रखा गया था. आखिर क्यों एक एमबीए ग्रेज्युएट ने रोजी-रोटी के लिए भिखारी बनने का फैसला किया? इस सवाल के जवाब में आश्रम के इनचार्ज के अर्जुन राव ने डेक्कन क्रॉनिकल को फरजोना की कहानी बयां की.
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राव के मुताबिक, 'फरजोना पिछले दो सालों से जिंदगी में काफी मुश्किलों का सामना कर रही थी. उनके पति की मौत हो चुकी है. वह आनंदबाग में अपने आर्किटेक्ट बेटे और उसके परिवार के साथ रह रही हैं. अपनी नौकरी और पर्सनल लाइफ की परेशानियों से निजात पाने के लिए वो एक बाबा के पास गई थी. उस बाबा ने फरजोना को अपनी बुरी किस्मत से पीछा छुड़ाने के लिए भिखारी बन जाने का सुझाव दिया था.'
हालांकि फरजोना का बेटा आश्रम के अधिकारियों से बातचीत करने के बाद उन्हें वहां से वापस अपने साथ लेकर चला गया.
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वहीं, 44 साल की महिला राबिया बसीरा की कहानी भी बेहद दर्दनाक है. हालातों ने अमेरिकन ग्रीन कार्ड होल्डर राबिया को हैदराबाद में एक दरगाह के सामने भीख मांगने पर मजबूर कर दिया. राव के मुताबिक, 'वह बहुत अच्छी अंग्रेजी बोलती हैं. उनके पास पैसों की कमी नहीं थी. यही नहीं शहर में उनके पास ढेरों प्रॉपर्टी भी थीं. लेकिन कुछ रिश्तेदारों ने धोखे से उनका सबकुछ हड़प लिया.'
भीख मांगने के लिए पकड़े जाने के बाद राबिया के कुछ रिश्तेदार उन्हें यह कहकर अपने साथ ले गए हैं कि वे उनका ध्यान रखेंगे.
बहरहाल, फरजोना और राबिया की कहानी जानकर दुख भी होता है और हैरानी भी. दुख इस बात का कि कैसे अपने ही लोग मौकापरस्त हो जाते हैं और धोखे से सब कुछ छीन लेते हैं. हैरानी इस बात की होती है कि कैसे एक बाबा के कहने पर कोई कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाता है.
गौरतलब है कि GES को शुरू होने में काफी कम समय रह गया है. हैदराबाद 150 देशों के प्रतिनिधियों की मेजबानी की तैयारी कर रहा है. खासतौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं. शहर के अधिकारियों ने भिखारियों से निपटने के लिए भी अभियान चलाया है. करीब 200 से ज्यादा भिखारियों को दो जेलों के आश्रय गृहों में भेजा गया है.
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पहली कहानी 50 साल की फरजोना की है. इस महिला को हैदराबाद में भीख मांगते हुए पकड़ा गया. खास बात यह है कि महिला ने एमबीए किया है और लंदन में बतौर एकाउंट ऑफिसर काम कर चुकी हैं. उन्हें चेरापल्ली सेंट्रल जेल में बने आनंद आश्रम में रखा गया था. आखिर क्यों एक एमबीए ग्रेज्युएट ने रोजी-रोटी के लिए भिखारी बनने का फैसला किया? इस सवाल के जवाब में आश्रम के इनचार्ज के अर्जुन राव ने डेक्कन क्रॉनिकल को फरजोना की कहानी बयां की.
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राव के मुताबिक, 'फरजोना पिछले दो सालों से जिंदगी में काफी मुश्किलों का सामना कर रही थी. उनके पति की मौत हो चुकी है. वह आनंदबाग में अपने आर्किटेक्ट बेटे और उसके परिवार के साथ रह रही हैं. अपनी नौकरी और पर्सनल लाइफ की परेशानियों से निजात पाने के लिए वो एक बाबा के पास गई थी. उस बाबा ने फरजोना को अपनी बुरी किस्मत से पीछा छुड़ाने के लिए भिखारी बन जाने का सुझाव दिया था.'
हालांकि फरजोना का बेटा आश्रम के अधिकारियों से बातचीत करने के बाद उन्हें वहां से वापस अपने साथ लेकर चला गया.
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बहरहाल, फरजोना और राबिया की कहानी जानकर दुख भी होता है और हैरानी भी. दुख इस बात का कि कैसे अपने ही लोग मौकापरस्त हो जाते हैं और धोखे से सब कुछ छीन लेते हैं. हैरानी इस बात की होती है कि कैसे एक बाबा के कहने पर कोई कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाता है.
गौरतलब है कि GES को शुरू होने में काफी कम समय रह गया है. हैदराबाद 150 देशों के प्रतिनिधियों की मेजबानी की तैयारी कर रहा है. खासतौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं. शहर के अधिकारियों ने भिखारियों से निपटने के लिए भी अभियान चलाया है. करीब 200 से ज्यादा भिखारियों को दो जेलों के आश्रय गृहों में भेजा गया है.
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