राजकुमारी अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी 1889 को हुआ. वो देश की पहली केंद्रीय मंत्री थीं.
नई दिल्ली:
शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली राजकुमारी पंजाब के कपूरथला के राजा सर हरनाम सिंह की बेटी अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी 1889 को हुआ. वो देश की पहली केंद्रीय मंत्री थीं. वो दस साल तक स्वास्थ्य मंत्री रहीं. वो महात्मा गांधी के बेहद करीब थीं. विदेश में पढ़ाई करने के बाद वो वापस भारत लौटीं और स्वतंत्रता संग्राम में जुट गईं. राजकुमारी रहने के बाद भी वो बिलकुल सिंपल रहना पसंद करती थीं. वो आम लोगों से मिला करती थीं. आइए उनकी बर्थ एनिवर्सी पर बताते हैं ऐसी बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं...
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गांधी बुलाते थे पागल और बागी
भारत लौटने के बाद वो भारत को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गईं. महात्मा गांधी से उनकी पहली मुलाकात 1934 में हुई. जिसके बाद दोनों ने एक-दूसरे को सैकड़ों खत भेजा करते थे. वो महात्मा गांधी के साथ नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भी गईं. महात्मा गांधी अकसर अपने लेटर में अमृत कौर को 'मेरी प्यारी बेवकूफ' और 'बागी' बुलाते थे और आखिर में खुद को तानाशाह भी बुलाते थे. आजाद भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनने का सौभाग्य भी राजकुमारी अमृत कौर को मिला.
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अमृत कौर से जुड़े अन्य फैक्ट्स
* अमृत कौर की उच्च शिक्षा इंग्लैंड में हुई, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एमए करने के बाद वह भारत वापस लौटीं.
* 1954 में यूनेस्को की बैठकों में सम्मिलित होने के लिए जो भारतीय प्रतिनिधि दल लंदन गया था, राजकुमारी अमृत कौर उसकी उपनेत्री थीं.
* 1947 से 1957 तक वह भारत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहीं.
* उन्हें खेलों से बड़ा प्रेम था. नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया की स्थापना इन्होंने की थी और इस क्लब की वह अध्यक्ष शुरू से रहीं. उनको टेनिस खेलने का बड़ा शौक था.
* टेनिस खेलने का उनको इतना शौक था कि कई बार उन्होंने चैम्पियनशिप भी जीती.
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गांधी बुलाते थे पागल और बागी
भारत लौटने के बाद वो भारत को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गईं. महात्मा गांधी से उनकी पहली मुलाकात 1934 में हुई. जिसके बाद दोनों ने एक-दूसरे को सैकड़ों खत भेजा करते थे. वो महात्मा गांधी के साथ नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भी गईं. महात्मा गांधी अकसर अपने लेटर में अमृत कौर को 'मेरी प्यारी बेवकूफ' और 'बागी' बुलाते थे और आखिर में खुद को तानाशाह भी बुलाते थे. आजाद भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनने का सौभाग्य भी राजकुमारी अमृत कौर को मिला.
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* 1954 में यूनेस्को की बैठकों में सम्मिलित होने के लिए जो भारतीय प्रतिनिधि दल लंदन गया था, राजकुमारी अमृत कौर उसकी उपनेत्री थीं.
* 1947 से 1957 तक वह भारत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहीं.
* उन्हें खेलों से बड़ा प्रेम था. नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया की स्थापना इन्होंने की थी और इस क्लब की वह अध्यक्ष शुरू से रहीं. उनको टेनिस खेलने का बड़ा शौक था.
* टेनिस खेलने का उनको इतना शौक था कि कई बार उन्होंने चैम्पियनशिप भी जीती.
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