इलाहाबाद (Allahabad) का नाम बदलकर प्रयागराज (Prayagraj) कर दिया गया है.
गंगा-यमुना की संगम नगरी इलाहाबाद (Allahabad) का नाम बदलकर प्रयागराज (Prayagraj) कर दिया गया है. योगी सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पिछले शनिवार कहा था कि मार्गदर्शक मंडल की बैठक में हर तबके खासकर अखाड़ा परिषद, प्रबुद्ध वर्ग से एक प्रस्ताव आया है कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया जाए. पुराणों के अनुसार इलाहाबाद का पहले नाम प्रयागराज ही था. मुगलों ने अपने शासन के दौरान इसका नाम बदलकर इलाहाबाद किया था. आइए जानते हैं इस शहर की 5 खास बातें...
इलाहाबाद का नाम बदलने की तैयारियों के बीच अखिलेश बोले- आस्था और परंपरा के साथ खिलवाड़ कर रही योगी सरकार
मुगलकालीन कई किताबों में इस शहर का वर्णन किया गया है. अकबर ने करीब 1574 में इस शहर में किले की नींव रही थी. जिसके बाद नया शहर बसाया और नाम इलाहाबाद रखा गया. इससे पहले इस शहर को प्रयागराज के नाम से ही जाना जाता था.
कई सालों से शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने की मांग उठ रही थी. पिछले साल योगी सरकार के आने के बाद वादा किया गया कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया जाएगा. जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा की है.
प्रयाग कुंभ के खर्च को लेकर पर्यटन मंत्री ने दिया बयान, कहा- इतना हो सकता है खर्च...
नाम बदलने पर विरोधी पार्टियां काफी नाराज नजर आ रही हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ करार दिया. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रयाग कुंभ का नाम केवल प्रयागराज किया जाना और अर्द्धकुंभ का नाम बदलकर 'कुंभ' किया जाना परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शनिवार को इलाहाबाद में कहा था कि कुंभ मेले से पहले संगम नगरी का नाम बदलकर प्रयागराज करने का प्रस्ताव है. राज्यपाल (राम नाईक) ने इसके लिए पहले ही अनुमोदन दे दिया है. अगर आम राय बनी तो इलाहाबाद का नाम जल्द ही बदलेगा. आज यानी 16 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर नाम बदल दिया गया.
इलाहाबाद का नाम बदलने की तैयारियों के बीच अखिलेश बोले- आस्था और परंपरा के साथ खिलवाड़ कर रही योगी सरकार
'प्रयागराज' के बारे में 5 खास बातें
मुगलकालीन कई किताबों में इस शहर का वर्णन किया गया है. अकबर ने करीब 1574 में इस शहर में किले की नींव रही थी. जिसके बाद नया शहर बसाया और नाम इलाहाबाद रखा गया. इससे पहले इस शहर को प्रयागराज के नाम से ही जाना जाता था.
कई सालों से शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने की मांग उठ रही थी. पिछले साल योगी सरकार के आने के बाद वादा किया गया कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया जाएगा. जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा की है.
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नाम बदलने पर विरोधी पार्टियां काफी नाराज नजर आ रही हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ करार दिया. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रयाग कुंभ का नाम केवल प्रयागराज किया जाना और अर्द्धकुंभ का नाम बदलकर 'कुंभ' किया जाना परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शनिवार को इलाहाबाद में कहा था कि कुंभ मेले से पहले संगम नगरी का नाम बदलकर प्रयागराज करने का प्रस्ताव है. राज्यपाल (राम नाईक) ने इसके लिए पहले ही अनुमोदन दे दिया है. अगर आम राय बनी तो इलाहाबाद का नाम जल्द ही बदलेगा. आज यानी 16 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर नाम बदल दिया गया.
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