कानपुर:
कानपुर में एक बुजुर्ग पिता अपनी दो अगवा बच्चियों के न मिलने से दुखी होकर पानी की टंकी पर चढ़ गया। कानपुर के बिधनू इलाके में विजय श्रीवास्तव नामक यह शख्स 100 फुट ऊंची टंकी पर इसलिए चढ़ गया, क्योंकि पुलिस न तो उसकी बेटियों को ढूंढ रही है और न ही आरोपी को गिरफ्तार कर रही है। वह करीब 20 घंटे तक टंकी पर चढ़ा रहा। बाद में दो पुलिसवाले टंकी पर चढ़े और उसे समझा−बुझाकर नीचे उतारा।
दरअसल विजय श्रीवास्तव की 16 और 14 साल की दोनों बेटियां 16 मार्च से ही लापता हैं। विजय का कहना है कि उनकी बेटियों को पड़ोसी मुन्ना कोरी बहला−फुसलाकर ले गया है।
विजय श्रीवास्तव मंगलवार शाम गांव के बाहर बनी पानी की टंकी पर चढ़ गया। पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन थोड़ी देर बाद पूरे गांव में उस समय हडकंप मच गया, जब उसने पानी की टंकी से खड़े होकर यह कहना शुरू किया कि उसकी बच्चियों को तलाश करो, आरोपियों को पकड़ो, नहीं तो कूदकर जान दे दूंगा। गांव वालों ने उसको बहुत समझाया, लेकिन जब वह नहीं उतरा, तो बिधनू थाने को सूचना दी गई। रात होने तक पुलिस मौके पर आई और विजय को समझाया, लेकिन वह नहीं उतरा।
पुलिस रात भर पानी की टंकी के नीचे खड़ी रही। बुधवार सुबह घाटमपुर के क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी जेपी सिंह भी मौके पर आए और उन्होंने भी विजय श्रीवास्तव को बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं माना। इस बीच बिधनू और आसपास के गांव लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। सभी लोग उसे समझाते रहे, लेकिन वह ऊपर से यही कहता रहा कि उसे न्याय दिलाया जाए और उसकी बच्चियों की तलाश की जाए।
दोपहर बाद पुलिस ने उसे किसी तरह बातों में लगाए रखा और चुपके से दो पुलिसकर्मियों ने ऊपर पहुंचकर उसे दबोच लिया और उसे नीचे उतार लाए। विजय श्रीवास्त्व का कहना है कि दोनों बच्चियों के अपहरण क़े बाद वह कई दिनों तक थाने के चक्कर लगाता रहा, तब जाकर 4 मई को गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखी गई। उसके बाद आज तक पुलिस न तो लड़कियों को खोज पाई है और न ही आरोपियों पर कोई कार्रवाई की गई है।
दरअसल विजय श्रीवास्तव की 16 और 14 साल की दोनों बेटियां 16 मार्च से ही लापता हैं। विजय का कहना है कि उनकी बेटियों को पड़ोसी मुन्ना कोरी बहला−फुसलाकर ले गया है।
विजय श्रीवास्तव मंगलवार शाम गांव के बाहर बनी पानी की टंकी पर चढ़ गया। पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन थोड़ी देर बाद पूरे गांव में उस समय हडकंप मच गया, जब उसने पानी की टंकी से खड़े होकर यह कहना शुरू किया कि उसकी बच्चियों को तलाश करो, आरोपियों को पकड़ो, नहीं तो कूदकर जान दे दूंगा। गांव वालों ने उसको बहुत समझाया, लेकिन जब वह नहीं उतरा, तो बिधनू थाने को सूचना दी गई। रात होने तक पुलिस मौके पर आई और विजय को समझाया, लेकिन वह नहीं उतरा।
पुलिस रात भर पानी की टंकी के नीचे खड़ी रही। बुधवार सुबह घाटमपुर के क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी जेपी सिंह भी मौके पर आए और उन्होंने भी विजय श्रीवास्तव को बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं माना। इस बीच बिधनू और आसपास के गांव लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। सभी लोग उसे समझाते रहे, लेकिन वह ऊपर से यही कहता रहा कि उसे न्याय दिलाया जाए और उसकी बच्चियों की तलाश की जाए।
दोपहर बाद पुलिस ने उसे किसी तरह बातों में लगाए रखा और चुपके से दो पुलिसकर्मियों ने ऊपर पहुंचकर उसे दबोच लिया और उसे नीचे उतार लाए। विजय श्रीवास्त्व का कहना है कि दोनों बच्चियों के अपहरण क़े बाद वह कई दिनों तक थाने के चक्कर लगाता रहा, तब जाकर 4 मई को गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखी गई। उसके बाद आज तक पुलिस न तो लड़कियों को खोज पाई है और न ही आरोपियों पर कोई कार्रवाई की गई है।
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