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This Article is From Mar 02, 2021

9 साल की बच्ची ने माउंट किलिमंजारो पर्वत चोटी पर फहराया तिरंगा, बनीं एशिया की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की एक नौ वर्षीय बच्ची ने अफ्रीका की सर्वोच्च चोटी (Africa's highest peak) पर चढ़ाई करने में कामयाबी हासिल की है. अनंतपुर की कदाप्पल ऋतविका श्री (Kadapala Rithvika Sri) ने 25 फरवरी को माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई की.

9 साल की बच्ची ने माउंट किलिमंजारो पर्वत चोटी पर फहराया तिरंगा, बनीं एशिया की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही
9 साल की बच्ची ने माउंट किलिमंजारो पर्वत चोटी पर फहराया तिरंगा


आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की एक नौ वर्षीय बच्ची ने अफ्रीका की सर्वोच्च चोटी (Africa's highest peak) पर चढ़ाई करने में कामयाबी हासिल की है. द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, अनंतपुर (Anantapur) की कदाप्पल ऋतविका श्री (Kadapala Rithvika Sri) ने 25 फरवरी को माउंट किलिमंजारो (Mount Kilimanjaro) पर चढ़ाई की. कक्षा 2 की छात्रा अपने पिता और गाइड के साथ समुद्र तल से 5,681 मीटर की ऊंचाई पर गिलमैन के पॉइंट पर चढ़ गई. इस उपलब्धि को पूरा करके, ऋतविका पहाड़ पर चढ़ाई करने वाली सबसे कम उम्र के व्यक्तियों (youngest persons to scale the mountain) में से एक बन गई है, जो तंजानिया में स्थित है.

माउंट किलिमंजारो एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है और दुनिया का सबसे ऊंचा एकल मुक्त पर्वत है, जो 19,340 फीट ऊंचा है. गिल्मन पॉइंट (Gilman's Point) माउंट किलिमंजारो के तीन शिखर बिंदुओं में से एक है. पर्वतारोही जो इस बिंदु तक पहुंचने का प्रबंधन करते हैं, वे आधिकारिक किलिमंजारो चढ़ाई प्रमाण पत्र प्राप्त करते हैं.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ऋतविका के पिता, कदाप्पल शंकर (Kadapala Sankar), ग्रामीण विकास ट्रस्ट, अनंतपुर के विशेष ओलंपिक भारत विंग में एक क्रिकेट कोच और खेल समन्वयक हैं. उन्होंने पिछले साल चोटी पर चढ़ाई की थी और इस बार अपनी बेटी को साथ ले गए थे.

आईएएस अधिकारी गंधम चंद्रुडु (IAS officer Gandham Chandrudu) ने रविवार को साझा किए गए एक ट्वीट में युवा लड़की की उपलब्धि की सराहना की. उन्होंने बच्ची को बधाई देते हुए लिखा, "आपने कई बाधाओं के बावजूद अवसरों को प्राप्त किया है. प्रेरणा देते रहें."

श्री चंद्रुडु ने अभियान के लिए एससी निगम के फंड से 2.89 लाख रुपये जारी करके पिता और बेटी की जोड़ी की मदद की थी.

बता दें कि ऋतविका ने किलिमंजारो को जीतने के लिए तेलंगाना में रॉक क्लाइम्बिंग स्कूल में लेवल 1 प्रशिक्षण और लद्दाख में लेवल 2 प्रशिक्षण में भाग लिया.

उनके पिता ने कहा, "ऋतविका श्री ने उत्साह के साथ पर्वतारोहण अभियान में भाग लिया और अपने पहले प्रयास में इसे पूरा कर सकी."

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