अहमदाबाद:
मुंबई की रहने वाली पूंजीबेन पटेल अहमदाबाद के प्लेनेट वुमन हॉस्पीटल में 60 साल की उम्र में मां बनी हैं। करीब 10 दिन पहले ही उन्होंने बेटे को जन्म दिया है। बेटे के जन्म ने उनकी निराश ज़िंदगी में दोबारा से खुशियों के नए रंग भर दिए हैं।
दरअसल, पूंजीबेन की शादी 1982 में मुंबई के व्यापारी रणछोड़भाई से हुई थी। तब से अब तक तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी। पिछले 10 सालों से तो दोनों पति-पत्नी कई डॉक्टर के पास गए थे, लेकिन कुछ भी फल नहीं मिल रहा था। कई मन्नतें भी मांगी, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ।
इसी बीच करीब 15 साल पहले निराश होकर रणछोड़भाई ने अपना व्यापार भी बंद कर दिया। दोनों के पास गुज़ारे जितने पैसे थे। उन्हें लगा और पैसा किसके लिए कमाया जाए, जब खानदान को आगे ले जाने वाला कोई बेटा या बेटी ही ना हो। उन्होंने ऐसा भी सोचा की मुंबई में सब कुछ छोड़-छाडकर अपने पैतृक गांव गुजरात के कच्छ चले जाएं।
फिर कुछ समय पहले उन्हें विज्ञान की नई तकनीक इन विट्रो फर्टिलिटी यानि आईवीएफ के बारे में पता चला। उन्होंने अहमदाबाद के डॉक्टर मेहुल दामाणी से संपर्क किया, लेकिन उम्र और स्वास्थ्य कारणों से मामला पेचिदा था। डॉक्टर ने दोनों को बताया की मामला मुश्किल है, क्योंकि पूंजीबेन की उम्र हो गई है और फिर उनका गर्भाश्य भी छोटा हो गया है और उन्हें मेनोपोझ भी आ चुका है।
आम तौर पर हजारों प्रयासों में से मुश्किल से एकाध केस ही ऐसी परिस्थिति में सफल हो पाता है, लेकिन पूंजीबेन के मामले में उन्हें सफलता मिली और कुछ रोज़ पहले पूंजीबेन ने बच्चे को जन्म दिया। बेटे के जन्म से उनके परिवार के लिए जैसे सालों बाद खुशियां लौटी हैं।
दरअसल, पूंजीबेन की शादी 1982 में मुंबई के व्यापारी रणछोड़भाई से हुई थी। तब से अब तक तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी। पिछले 10 सालों से तो दोनों पति-पत्नी कई डॉक्टर के पास गए थे, लेकिन कुछ भी फल नहीं मिल रहा था। कई मन्नतें भी मांगी, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ।
इसी बीच करीब 15 साल पहले निराश होकर रणछोड़भाई ने अपना व्यापार भी बंद कर दिया। दोनों के पास गुज़ारे जितने पैसे थे। उन्हें लगा और पैसा किसके लिए कमाया जाए, जब खानदान को आगे ले जाने वाला कोई बेटा या बेटी ही ना हो। उन्होंने ऐसा भी सोचा की मुंबई में सब कुछ छोड़-छाडकर अपने पैतृक गांव गुजरात के कच्छ चले जाएं।
फिर कुछ समय पहले उन्हें विज्ञान की नई तकनीक इन विट्रो फर्टिलिटी यानि आईवीएफ के बारे में पता चला। उन्होंने अहमदाबाद के डॉक्टर मेहुल दामाणी से संपर्क किया, लेकिन उम्र और स्वास्थ्य कारणों से मामला पेचिदा था। डॉक्टर ने दोनों को बताया की मामला मुश्किल है, क्योंकि पूंजीबेन की उम्र हो गई है और फिर उनका गर्भाश्य भी छोटा हो गया है और उन्हें मेनोपोझ भी आ चुका है।
आम तौर पर हजारों प्रयासों में से मुश्किल से एकाध केस ही ऐसी परिस्थिति में सफल हो पाता है, लेकिन पूंजीबेन के मामले में उन्हें सफलता मिली और कुछ रोज़ पहले पूंजीबेन ने बच्चे को जन्म दिया। बेटे के जन्म से उनके परिवार के लिए जैसे सालों बाद खुशियां लौटी हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं