यह ख़बर 31 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

16 साल बाद भी पीड़ित है दुष्कर्म पीड़िता

खास बातें

  • लम्बी अवधि बीत जाने के बाद भी सूर्यानेल्लि दुष्कर्म कांड की पीड़िता अपनी आपबीती से उबर नहीं पाई है। पीड़िता के परिजनों का कहना है कि 16 साल की उम्र में दुष्कर्म का शिकार होने वाली लड़की आज 32 साल की महिला हो चुकी है, लेकिन वह अपने साथ गुजरे लम्हों का संत्
कोट्टयम:

लम्बी अवधि बीत जाने के बाद भी सूर्यानेल्लि दुष्कर्म कांड की पीड़िता अपनी आपबीती से उबर नहीं पाई है। पीड़िता के परिजनों का कहना है कि 16 साल की उम्र में दुष्कर्म का शिकार होने वाली लड़की आज 32 साल की महिला हो चुकी है, लेकिन वह अपने साथ गुजरे लम्हों का संत्रास आज भी झेल रही है।

इस मामले को सुर्यानेल्लि दुष्कर्म कांड के रूप में जाना जाता है, क्योंकि लड़की इडुक्कि जिले के सुर्यानेल्लि की रहने वाली है। दरिंदों ने 45 दिनों तक उसे अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद उसे यह हिदायत देकर घर भेज दिया कि घटना के बारे में मुंह नहीं खोलना है।

घटना के तीन साल बाद लड़की अपने साथ हुई दरिंदगी का खुलासा करने का साहस जुटा पाई और इस मामले में रसूखदारों के नाम सामने आए। एक विशेष अदालत ने 35 आरोपियों को नामजद किया और कठोर कारावास की सजा सुनाई।

हालांकि 2005 में केरल उच्च न्यायालय ने एक को छोड़ बाकी सभी आरोपियों को बरी कर दिया। ईके नयनार सरकार (1996-2001) ने असहाय लड़की को केरल वाणिज्य कर विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी दे दी।

उसके बाद पीड़िता ने न्याय के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जब उसके मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो दबाव बढ़ गया। इस साल फरवरी महीने में उसे वित्तीय अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार किया गया और नौकरी से निलम्बित कर दिया गया। मीडिया में बात उछलने के बाद उसे फिर से बहाल किया गया।

सोमवार को मीडिया से बातचीत में पीड़िता के पिता ने कहा, "सालों तक घिसटते रहे इस मामले में उसने भारी दबाव का सामना किया। अब एक दूसरा मामला वह झेल रही है, जिसमें उसे चोर बनाया गया है। जाहिर है कि कुछ निहित स्वार्थी लोग उसे लगातार प्रताड़ित करने में जुटे हुए हैं।"

दिल्ली से आए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक दल ने सिस्टर अभया हत्या मामले में पीड़िता का बयान लिया और उसके परिवार से दो दिनों तक पूछताछ किया। 1992 में कैथोलिक नन अभया को कोट्टायम स्थित उनके कॉन्वेंट में मृत पाया गया था। इस मामले में सीबीआई ने दो कैथोलिक पादरियों और एक नन को 19 नवम्बर 2008 को गिरफ्तार किया था। तीनों को जनवरी 2009 में जमानत मिल गई।

पीड़िता की मां ने कहा, "जिस समय हत्या हुई थी, उस समय मेरी बेटी 11 साल की थी। उस मामले का उससे क्या लेना-देना है। क्यों वे लोग हमें परेशान कर रहे हैं।"

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यह परिवार अब कोट्टायम के समीप रह रहा है, जहां स्थानीय लोग उनके साथ बहिष्कृत जैसा व्यवहार करते हैं। दुष्कर्म को लेकर पीड़िता स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं भी झेल रही है। पेशे से नर्स उसकी एक बहन ने अविवाहित रहने का फैसला किया। माकपा नेता और कॉलेज की शिक्षिका सुजा सुसेन जॉर्ज ही केवल परिवार की मित्र हैं।