Monkeypox का नाम बदलने वाला है WHO, आप यहां दे सकते हैं अपने सुझाव..

दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के 30,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. इनमें अधिकांश मामले ऐसे देशों में हैं , जहां इससे पहले कभी मंकीपॉक्स नहीं हुआ है. इसके नाम से जुड़ी शर्म के कारण WHO इसका नाम बदलने जा रहा है.

Monkeypox का नाम बदलने वाला है WHO, आप यहां दे सकते हैं अपने सुझाव..

इंसानों में Monkeypox का पहला मामला 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में देखने को मिला था

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मंकीपॉक्स (Monkeypox) का नाम बदलने पर विचार कर रहा है. WHO ने मंगलवार को जनता ने मंकीपॉक्स के लिए नामों का सुझाव मांगा है जो अब तेजी से फैल रही बीमारी के मरीजों का सम्मान बचाए रख सके. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी कई हफ्तों से मई में वैश्विक मंच पर उभरी इस बीमारी के नाम के बारे में चिंताएं ज़ाहिर कर रही थी. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि यह नाम इस बीमारी के संक्रमण से प्रभावित हुए लोगों के लिए शर्म का कारण बन रही है और बंदरों के लिए भी खतरे का कारण बन रही है. यह बीमारी अब बंदरों से बेहद कम फैल रही है और अफ्रीकी महाद्वीप में भी जहां अक्सर इसे जानवरों के साथ जोड़ा जाता है.  

उदाहरण के तौर पर हाल ही में ब्राजील में ऐसी खबरें आईं हैं कि लोगों  ने बीमारी के डर से बंदरों पर हमला किया. डब्लू एच ओ की प्रवक्ता फादेला चाइब ने पत्रकारों ने जेनेवा में कहा कि "इंसानों में फैलने वाले मंकीपॉक्स" को नाम बीमारियों को नाम देने की बेस्ट प्रेक्टिस से पहले दिया गया था.   

उन्होंने कहा, " हम सच में यह ऐसा नाम खोजना चाहते हैं जो किसी शर्म से ना जुड़ा हो." उन्होंने कहा कि कोई भी इसके नाम का विकल्प दे सकता है और इससे जुड़ी वेबसाइट पर यह सुविधा उपलब्ध है.

2022 में दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के 30,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. इनमें अधिकांश मामले ऐसे देशों में हैं , जहां इससे पहले कभी मंकीपॉक्स नहीं हुआ है.  मंकीपॉक्स भले ही कई श्वसन संक्रमणों (जैसे कि कोविड-19) के रूप में संक्रामक नहीं है, फिर भी इसके प्रसार को रोकना जरूरी है.

प्रसार को नियंत्रित करने का एक तरीका कमजोर लोगों का टीकाकरण करना है। सौभाग्य से, हमारे पास पहले से ही टीके हैं जो मंकीपॉक्स को रोकने में बहुत प्रभावी हैं. लेकिन जैसे-जैसे मामले बढ़ते जा रहे हैं, ऐसी खबरें मिल रही हैं कि टीके की मांग दुनिया के कई हिस्सों में आपूर्ति से आगे निकल रही है, जिसमें वर्तमान में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप सहित इसका प्रकोप देखा जा रहा है.

वैक्सीन की आपूर्ति

मंकीपॉक्स से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीके की कमी के कई कारण हैं. मोटे तौर पर, यह हमारे वैश्विक वैक्सीन निर्माण और वितरण प्रणालियों में पुरानी कमजोरियों के कारण है, जिससे नए संक्रमणों और प्रकोपों ​​​​से बचाने के लिए आवश्यक टीकों की आपूर्ति करना विशेष रूप से कठिन हो जाता है.

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मंकीपॉक्स से बचाव के लिए वर्तमान में इस्तेमाल किया जा रहा वैक्सीन चेचक का टीका है, जो काम करता है क्योंकि मंकीपॉक्स वायरस चेचक से बहुत निकटता से संबंधित है.