
- अमेरिकी कांग्रेस ने ट्रंप के One Big Beautiful Bill को मंजूरी दी है, जो 4 जुलाई को कानून बनेगा.
- इस कानून से ट्रंप को उनके दूसरे कार्यकाल की बड़ी विधायी जीत मिली है.
- टैक्स में कटौती स्थायी की गई, जबकि टिप और ओवरटाइम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
- अवैध प्रवासियों को हिरासत में रखने के लिए बुनियादी ढांचे पर $46.5 बिलियन खर्च किए जाएंगे.
Donald Trump's 'big, beautiful bill' Explained: अमेरिकी राष्ट्रपति ने नेशनल पॉलिटिक्स में एक बड़ी जीत हासिल कर ली है. उनके सपने का बिल अमेरिकी संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है और 4 जुलाई को वह ट्रंप के हस्ताक्षर के साथ कानून बन जाएगा. दअसल अमेरिकी कांग्रेस (लोकसभा की तरह सदन) ने एक प्रमुख बिल पैकेज को पास कर दिया है, जिसे "एक बड़ा सुंदर बिल" (One Big Beautiful Bill) कहा गया है. इससे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी विधायी जीत मिली है. सवाल है कि इस कानून में ऐसा क्या है कि इसकी इतनी चर्चा हो रही है और ट्रंप इसे किसी कीमत पर पारित करवाना चाहते थे, भले उनके पूर्व पार्टनर और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क खुलकर इसके विरोध में आए हैं.
आपको हम केवल 10 प्वाइंट में 869 पेज के इस बिल में मौजूद कुछ प्रमुख प्रावधान बताते हैं.
- टैक्स: ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में जो इमकम टैक्स में कटौती की थी, वो अब स्थायी हो गई है. अब अमेरिका में टिप और ओवरटाइम के लिए मिलने वाले पैसे पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. ट्रंप ने अपने चुनावी कैंपेन में इसे एक बड़ा चुनावी वादा बनाया था. हालांकि यह वाली टैक्स कटौती साल 2028 तक ही रहेगा. इसके कानून बनते अमेरिका की कंपनियों को रिसर्च और डेवलपमेंट पर करने वाले खर्चों में तुरंत कटौती करने की अनुमति मिलेगी.
- प्रवासियों पर एक्शन: अमेरिका के बॉर्डर पर दीवार बनाने सहित बॉर्डर पर बुनियादी ढांचे बनाने के लिए $46.5 बिलियन खर्च किए जाएंगे. अवैध प्रवासियों को हिरासत में रखने के लिए 100,000 बिस्तरों वाली फैसिलिटी (जेल की तरह) बनाने के लिए $45 बिलियन खर्च होंगे. अवैध प्रवासियों को पकड़ने के लिए 10,000 आव्रजन और इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) अधिकारियों को नियुक्त करने के लिए नया फंड मिलेगा. अमेरिका में शरण (असाइलम) चाहने वालों और देश में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करते पकड़े गए प्रवासियों के लिए नए जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
- क्लीन इनर्जी पर सरकार के खर्च में कटौती: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन जिस क्लीन इनर्जी टैक्स क्रेडिट लेकर आए थे, उसको रद्द कर दिया गया है. उसकी जगह ट्रंप खुद का महंगाई कम करने वाले वाला कानून (Inflation Reduction Act) लाए हैं. नई पवन और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अमेरिकी की फेडरल (केंद्रीय) सरकार से मिलने वाली सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जाएगा. 30 सितंबर, 2025 के बाद इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाली गाड़ियों (EV) की खरीद के लिए 7,500 डॉलर का टैक्स क्रेडिट खत्म कर दिया गया है. इससे ट्रंप ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को निशाने पर लिया है.
- सरकार के लोन लेने की लिमिट बढ़ाई: अमेरिका की उधार (लोन) लेने की सीमा को बढ़ाकर 5 ट्रिलियन डॉलर तक कर दिया गया है. एलन मस्क से लेकर ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के कई समर्थक इससे नाराज भी हैं.
- जनकल्याण: गरीबों और विकलांगों के कल्याण पर खर्च होने वाले फंड पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं, विशेष रूप से मेडिकेड स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम और एसएनएपी खाद्य सहायता कार्यक्रम पर. अब 65 साल से कम आयु के सक्षम व्यक्तियों और जिनके छोटे बच्चे नहीं हैं, उन्हें मेडिकेड या एसएनएपी प्राप्त करने के लिए हर महीने कम से कम 80 घंटे काम करना होगा. अमेरिका के गांवों के हॉस्पिटल्स को समर्थन देने के लिए $50 बिलियन का पांच-वर्षीय फंड बनाया गया है.
- महिलाओं की हेल्थ: प्लान्ड पेरेंटहुड नाम के संगठन के लिए अमेरिका की फेडरल सरकार से मिलने वाली फंडिंग को एक साल के लिए रोका गया. प्लान्ड पेरेंटहुड अमेरिका में एक राष्ट्रव्यापी महिला स्वास्थ्य संगठन है जो अक्सर गर्भपात के मुद्दे को लेकर रिपब्लिकन पार्टी के टारगेट पर होता है.
- अमेरिका में नवजात शिशुओं के जन्म लेने पर उनके नाम पर $1,000 डालकर एक सेविंग अकाउंट खोला जाएगा. इन अकाउंट का नाम "ट्रंप अकाउंट्स" होगा.
- गोल्डन डोम: ट्रंप ने ऐलान किया था कि अमेरिका भी इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम, ‘आयरन डोम' की तर्ज पर उससे भी एडवांस ‘गोल्डन डोम' बनाएगा. अब ट्रंप की इस पहल को 25 अरब डॉलर का फंड दिया गया है.
- स्पेस प्रोग्राम: अमेरिका के स्पेस प्रोग्राम को बढ़ावा दिया गया है. मंगल ग्रह पर मिशन के लिए 10 बिलियन डॉलर दिया गया है और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को रिटायरमेंट के बाद बंद (डिकमिशन) करने के लिए 325 मिलियन डॉलर मिलेंगे.
- धनी यूनिवर्सिटीज पर नया टैक्स: अमेरिका के धनी विश्वविद्यालयों पर नया टैक्स लगाया गया है.
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