श्रीलंका की चरमरा चुकी अर्थव्यवस्था के बीच चीन का एक बयान आया है. चीन ने अमेरिका को जवाब देते हुए कहा कि हमने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है ना कि उसे दिवालिया बनाया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन-श्रीलंका व्यावहारिक सहयोग का नेतृत्व हमेशा वैज्ञानिक योजना और सत्यापन के साथ श्रीलंका द्वारा किया गया है. खास बात ये है कि झाओ लिजियन की ये प्रतिक्रिया यूएसएआईडी प्रशासक सामंथा पावर द्वारा श्रीलंका के प्रति चीन की परियोजनाओं और नीतियों की आलोचना पर एक सवाल के जवाब में आई है. उन्होंने कहा आगे कहा कि चीनी परियोजनाओं ने श्रीलंका के आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है, और ये श्रीलंका के लोगों के लिए फायदेमंद हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही भारत ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने में बेहद जल्द आवश्यक मदद पहुंचाई लेकिन चीन से की गई मदद की अपील का श्रीलंका को कोई जवाब नहीं मिला था. भारत यात्रा पर आईं अमेरिकी मददगार संस्था USAID की प्रशासक समांथा पोवर ने बुधवार को यह जानकारी दी थी. दिल्ली IIT में भाषण देते हुए पोवर ने कहा था कि चीन श्रीलंका का सबसे बड़ा कर्जदाता बन गया था जिसमें श्रीलंका को बिना साफ शर्तों के ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज दिया गया.
पोवर ने इसे लेकर भी हैरानी जताई थी कि क्या चीन श्रीलंका के लिए अपने कर्ज की शर्तों में कुछ बदलाव करेगा कि नहीं. पोवर 25-27 जुलाई तक भारत यात्रा पर आईं थीं. अमेरिका की एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट दुनिया की बड़ी मददगार संस्थाओं में से एक है. उन्होंने कहा, " भारत ने ज़रूरी उपायों के लिए बेहद जल्द प्रतिक्रिया दी."
USAID प्रशासक समांथा ने भारत की तरफ से श्रीलंका को 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर या कहें कि करीब 100 करोड़ रुपए कर्ज के तौर पर दिए जाने और देश के मुश्किल आर्थिक संकट से उबारने में अन्य तरह से मदद करने का भी जिक्र किया था.
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