नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड' ने मंगलवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत की मांग करते हुए कहा कि वह नकारात्मक, असम्मान और प्रतिशोध की राजनीति के बजाय आम सहमति, सहयोग और आपसी विश्वास की राजनीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं. सीपीएन-माओवादी सेंटर के 68 वर्षीय नेता ने 26 दिसंबर को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जब उन्होंने नाटकीय रूप से नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले चुनाव पूर्व गठबंधन को छोड़कर विपक्ष के नेता केपी शर्मा ओली से हाथ मिला लिया था. प्रधानमंत्री प्रचंड की नियुक्ति के बाद नेपाल का पहला संसद सत्र सोमवार को यहां शुरू हुआ.
‘द हिमालयन टाइम्स' की खबर के मुताबिक, निचले सदन में प्रचंड ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के रूप में अस्वीकृति, अनादर और प्रतिशोध की राजनीति के बजाय आम सहमति, सहयोग और आपसी विश्वास की राजनीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रमुख के रूप में वह दुनिया को नेपाल में राष्ट्रीय एकता का संदेश देना चाहते हैं. उन्होंने अपने कर्तव्यों व जिम्मेदारियों के प्रति समर्पित रहने तथा लोगों को कुछ नया देने का संकल्प व्यक्त किया. प्रचंड को प्रधानमंत्री बने रहने के लिए 275 सदस्यीय संसद में 138 मतों की आवश्यकता है.
इस बीच, 89 सीटों वाली संसद की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी नेपाली कांग्रेस ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए प्रचंड का समर्थन करने का फैसला किया. प्रधानमंत्री प्रचंड ने सोमवार को नेपाली कांग्रेस के प्रमुख शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की और संसद में उनका समर्थन मांगा. ‘काठमांडू पोस्ट' अखबार ने पार्टी के संयुक्त महासचिव महेंद्र यादव के हवाले से कहा कि मंगलवार दोपहर हुई पार्टी की एक अहम बैठक में विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने का फैसला किया गया. पार्टी ने हालांकि सरकार में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है.
यादव ने कहा, “हमने संविधान की रक्षा के लिए इस सरकार को विश्वास मत देने का फैसला किया है.” दो महासचिवों सहित चार सांसदों ने हालांकि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा द्वारा सरकार के पक्ष में वोट डालने के फैसले का विरोध किया. नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने 20 नवंबर को हुए संसदीय चुनाव के लिए चुनावी गठबंधन किया था. नेपाली कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर पूर्व सहमति के अनुरूप प्रचंड को प्रधानमंत्री का पद देने से इनकार कर दिया गया. इसके बाद, सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने आश्चर्यजनक रूप से एक नई सरकार बनाने के लिए सीपीएन-यूएमएल के साथ गठबंधन किया.
देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में नेपाली कांग्रेस के 89 सांसद हैं, जबकि यूएमएल के 79 सांसद हैं. इसी तरह, सीपीएन (माओवादी सेंटर), सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के क्रमश: 32, 10 और 20 सदस्य हैं.संसद में जनमत पार्टी के 6 सदस्य, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के 4 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 3 सदस्य हैं.
ये भी पढ़ें-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं