विज्ञापन

अमेरिका को किस देश से सबसे अधिक सैन्य खतरा? खुफिया रिपोर्ट में रूस नहीं इस देश का नाम

अमेरिका की सभी खुफिया एजेंसियां मिलकर साल में एक बार वार्षिक खतरा आकलन रिपार्ट जारी करती हैं. जानिए रिपोर्ट में क्या लिखा है?

अमेरिका को किस देश से सबसे अधिक सैन्य खतरा? खुफिया रिपोर्ट में रूस नहीं इस देश का नाम
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

वैश्विक स्तर पर अमेरिका के हितों को सबसे अधिक खतरा किस देश से है? एक बार में शायद आपके मन में रूस का ख्याल आए. लेकिन अमेरिका की खुफिया एजेंसियों का ऐसा मानना नहीं है. मंगलवार, 25 मार्च को जारी अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका को सबसे अधिक खतरा चीन से है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग अपनी सैन्य और साइबर क्षमताओं में तेजी से प्रगति कर रहा है और अमेरिका के लिए चुनौती बन गया है.

अमेरिका की सभी खुफिया एजेंसियां मिलकर साल में एक बार वार्षिक खतरा आकलन रिपार्ट जारी करती हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ताइवान के खिलाफ बीजिंग का "जबरदस्ती दबाव" और "अमेरिकी टारगेट के खिलाफ व्यापक साइबर ऑपरेशन" अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरे के संकेतक हैं.

यह रिपोर्ट दूसरे देशों और आपराधिक संगठनों द्वारा अमेरिका के लिए उत्पन्न सुरक्षा खतरों के बारे में अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की "सामूहिक अंतर्दृष्टि" दिखाती है. यानी वो मिलकर क्या सोचते हैं, इसकी जानकारी देती है.

न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है, "चीन अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे व्यापक और मजबूत सैन्य खतरा प्रस्तुत करता है.” हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि चीन "अत्यधिक आक्रामक और विघटनकारी" दिखने के मामले में रूस, ईरान और उत्तर कोरिया की तुलना में अधिक "सतर्क" है.

अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने मंगलवार, 26 मार्च को सीनेट की सुनवाई में कहा कि वर्तमान खुफिया जानकारी के आधार पर "चीन हमारा सबसे सक्षम रणनीतिक प्रतिस्पर्धी है". "चीन की सेना हाइपरसोनिक हथियार, स्टील्थ एयरक्राफ्ट, एडवांस पनडुब्बियां, मजबूत अंतरिक्ष और साइबर युद्ध संपत्ति और परमाणु हथियारों का एक बड़ा जखिरा सहित उन्नत क्षमताएं तैनात कर रही है."

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग अमेरिका को आंतरिक और वैश्विक स्तर पर कमजोर करने के लिए अपनी "जबरदस्ती और विध्वंसक घातक प्रभाव गतिविधियों" का विस्तार करता रहेगा. चीनी सरकार इसे "बीजिंग के वैश्विक संबंधों को खराब करने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को उखाड़ फेंकने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले अभियान" के रूप में देखती है, इसका मुकाबला करने की कोशिश करेगी.

यह भी पढ़ें: ‘ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा', अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट आई, जानें तेहरान पर क्या बताया

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: