अमेरिका की एक संघीय स्वतंत्र निगरानी संस्था ने कहा है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) का इंटरनेट जासूसी कार्यक्रम देश की सुरक्षा करने का एक ‘महत्वपूर्ण और कारगर साधन’ है।
अमेरिका के विवादास्पद निगरानी कार्यक्रम पर ‘प्राइवेसी एंड सिविल लिबर्टीज ओवरसाइट बोर्ड’ की रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब दो दिन पहले एक अमेरिकी मीडिया प्रतिष्ठान ने कहा था कि अमेरिका विश्व में भारत सहित 193 देशों और भाजपा तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सहित छह राजनीतिक दलों की जासूसी कर रहा है।
पांच सदस्यीय बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया, कुल मिलाकर, बोर्ड ने यह पाया है कि कार्यक्रम से जुटाई जाने वाली सूचना राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तथा उपयोगी विदेशी खुफिया जानकारी हासिल करने में महत्वपूर्ण और कारगर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, निगरानी कार्यक्रमों के अंतर्गत गैर अमेरिकी नागरिकों का व्यवहार महत्वपूर्ण, लेकिन जटिल कानूनी और नीतिगत सवाल उठाता है।
बोर्ड ने यह भी उल्लेख किया कि निजता एक मानवाधिकार है, जिसे अमेरिकी सीनेट द्वारा मंजूर की गई अंतरराष्ट्रीय संधि ‘इंटरनेशनल कोवेनेन्ट ऑन सिविल एंड पॉलिटिकल राइट्स’ (आईसीसीपीआर) में प्रमुखता से मान्यता दी गई है। आईसीसीपीआर एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे अमेरिकी सीनेट ने मंजूरी दी है।
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