न्यूयार्क:
अमेरिका में अब सिख कर्मचारियों को पुलिस विभाग और पारगमन प्राधिकरण जैसी संघीय एजेंसियों में पगड़ी बांधने तथा दाढ़ी रखने की अनुमति होगी। न्यूयार्क के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने बुधवार को एक ऐसे विधेयक पर दस्तखत किए, जिसके तहत कार्यस्थल पर कर्मचारियों को अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने की अनुमति होगी। अब यह विधेयक कानून बन गया है। कार्यस्थल पर धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक की पहल नागरिक अधिकार समूह सिख कोअलिशन ने की थी और इसे क्वींस डेमोक्रेट काउंसिल के सदस्य मार्क वेप्रिन ने आगे बढ़ाया। ब्लूमबर्ग ने कहा कि यदि इससे कोई परेशानी नहीं होती है तो कंपनियों को अपने कर्मचारियों को उनकी धार्मिक मान्यताओं की सुविधा के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। अनावश्यक परेशानी को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि इससे आशय बहुत ज्यादा खर्च या मुश्किल से है। वेप्रिन ने कहा, यह विधेयक संदेश देता है कि लोगों को हमारे शहर की सेवा करने या अपनी धार्मिक मान्यताओं में से किसी एक को चुनने की जरूरत नहीं होगी। सभी अमेरिकियों को हमारे देश की संवैधानिक आजादी का पूरा लाभ मिलना चाहिए। सिख गठबंधन के कार्यक्रम निदेशक एवं सह संस्थापक अमरदीप सिंह ने कहा कि इस कानून से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि अमेरिका में सिख और मुस्लिमों जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के साथ कंपनियां किसी तरह का भेदभाव नहीं कर सकेंगी। अमरदीप ने कहा, यह कानून इस दिशा में एक बड़ा कदम है कि अब सिखों या अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उन नौकरियों से दूर नहीं किया जाएगा, जिसके वे पात्र हैं। उन्होंने बताया कि न्यूयार्क पुलिस विभाग द्वारा कुछ सिखों से कहा गया था कि वे ट्रैफिक एजेंट के रूप में पगड़ी नहीं पहन सकते हैं। इसी तरह मेट्रोपालिटन ट्रांजिट अथॉरिटी (एमटीए) में भी सिख और मुस्लिम श्रमिकों को अपनी धार्मिक मान्यताओं को पूरा करने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस नए कानून के बाद अब सरकारी और निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं पर इस बात के लिए दबाव बढ़ेगा कि वे अपने कर्मचारियों को कार्यस्थल पर अपनी धार्मिक मान्यता का पालन करने की अनुमति दें। वर्ष 2004 में कुछ सिखों को न्यूयार्क के पुलिस विभाग ने कहा था कि वे ट्रैफिक एजेंट के रूप में पगड़ी पहनकर काम नहीं कर सकते। हालांकि इस पर होहल्ला मचने के बाद सिखों को कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में पगड़ी पहनने की अनुमति दी गई थी।