वाशिंगटन:
पाकिस्तान में असैन्य लोकतंत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए अमेरिका ने कहा है कि वह इस देश में स्थिति पर नजर रखे हुए है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व वाली सरकार और सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के नेतृत्व वाली पाक सेना के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर अमेरिका का असैन्य सरकार को समर्थन संबंधी बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच तनाव ने पाकिस्तान में एक और सैन्य विद्रोही की अटकलों को तेज कर दिया है।
1947 में अस्तित्व में आने के बाद से ही पाकिस्तान में ज्यादातर समय सेना का शासन रहा है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम असैन्य सरकार का समर्थन करते हैं। पाकिस्तान की सेना के साथ हमारे गहरे संबंध हैं और हम चाहते हैं कि सभी पक्ष मिलजुलकर काम करें। यह मामला पाकिस्तान को सुलझाना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इसमें अमेरिका का बीच में आना उचित है।’’ नुलैंड ने कहा कि इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास राजदूत कैमरन मंटेर की अगुवाई में पाक नेताओं के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
1947 में अस्तित्व में आने के बाद से ही पाकिस्तान में ज्यादातर समय सेना का शासन रहा है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम असैन्य सरकार का समर्थन करते हैं। पाकिस्तान की सेना के साथ हमारे गहरे संबंध हैं और हम चाहते हैं कि सभी पक्ष मिलजुलकर काम करें। यह मामला पाकिस्तान को सुलझाना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इसमें अमेरिका का बीच में आना उचित है।’’ नुलैंड ने कहा कि इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास राजदूत कैमरन मंटेर की अगुवाई में पाक नेताओं के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
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