व्हाइट हाउस में नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा
वाशिंगटन:
भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल) तथा अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस भारत में छह परमाणु बिजली रिएक्टरों के लिए तत्काल इंजीनियरिंग और स्थल डिजाइन कार्य तत्काल शुरू करने तथा अनुबंधात्मक व्यवस्था जून, 2017 तक पूरा करने पर सहमति जताई है। व्हाइट हाउस की ओर से मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
असैन्य परमाणु मुद्दों पर एक दशक पुरानी भागीदारी को नई ऊंचाई पर ले जाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी व्हाइट हाउस बैठक के दौरान भारत में छह एपी1000 रिएक्टरों के लिए शुरुआती कार्य शुरू करने की घोषणा का 'स्वागत' किया। इन रिएक्टरों का निर्माण वेस्टिंगहाउस करेगी।
व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने परियोजना के लिए प्रतिस्पर्धी वित्त पोषण पैकेज को लेकर भारत तथा यूएस एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक के साथ मिलकर काम करने के इरादे को भी रेखांकित किया। परियोजना पूरी होने के बाद यह सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक होगी और अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौते के वादे को पूरा करेगा। साथ ही यह भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने तथा जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए साझा प्रतिबद्धता को पूरा करेगी।
ओबामा और मोदी ने भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एपीसीआईएल) तथा वेस्टिंगहाउस की इस घोषणा का स्वागत किया कि इंजीनियरिंग और स्थल डिजाइन कार्य तुरंत शुरू होगा और दोनों पक्ष जून 2017 तक अनुबंधातमक व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए काम करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार ब्रियान डीज ने कॉन्फ्रेंस कॉल में संवाददाताओं से कहा कि ये रिएक्टर भारत के लिए स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएंगे और साथ ही हजारों रोजगार सृजित करेंगे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
असैन्य परमाणु मुद्दों पर एक दशक पुरानी भागीदारी को नई ऊंचाई पर ले जाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी व्हाइट हाउस बैठक के दौरान भारत में छह एपी1000 रिएक्टरों के लिए शुरुआती कार्य शुरू करने की घोषणा का 'स्वागत' किया। इन रिएक्टरों का निर्माण वेस्टिंगहाउस करेगी।
व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने परियोजना के लिए प्रतिस्पर्धी वित्त पोषण पैकेज को लेकर भारत तथा यूएस एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक के साथ मिलकर काम करने के इरादे को भी रेखांकित किया। परियोजना पूरी होने के बाद यह सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक होगी और अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौते के वादे को पूरा करेगा। साथ ही यह भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने तथा जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए साझा प्रतिबद्धता को पूरा करेगी।
ओबामा और मोदी ने भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एपीसीआईएल) तथा वेस्टिंगहाउस की इस घोषणा का स्वागत किया कि इंजीनियरिंग और स्थल डिजाइन कार्य तुरंत शुरू होगा और दोनों पक्ष जून 2017 तक अनुबंधातमक व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए काम करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार ब्रियान डीज ने कॉन्फ्रेंस कॉल में संवाददाताओं से कहा कि ये रिएक्टर भारत के लिए स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएंगे और साथ ही हजारों रोजगार सृजित करेंगे।
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