ओसान एयरबेस:
हाल ही में परमाणु परीक्षण करने वाले उत्तरी कोरिया को 'डराने' तथा दक्षिण कोरिया को तसल्ली देने के लिए एक खास शक्ति-प्रदर्शन के तहत अमेरिका ने मंगलवार को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम सुपरसॉनिक बमवर्षक विमान सहयोगी दक्षिण कोरिया के आकाश में उड़ाए.
अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई जेट विमानों द्वारा एस्कॉर्ट किए गए बी-1 बमवर्षक विमानों को उत्तरी कोरिया की सीमा से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्थित ओसान एयरबेस के ऊपर से उड़ते हुए एसोसिएटेड प्रेस के फोटोग्राफर ने देखा. इन विमानों के दक्षिण कोरिया में उतरे बिना गुआम स्थित अपने बेस पर लौट जाने की संभावना है.
कोरियाई प्रायद्वीप पर दशकों से जारी दुश्मनी के माहौल में इस तरह की उड़ानें कतई सामान्य बात है. दरअसल, 1950-53 के बीच हुए कोरियाई युद्ध के बाद कोई भी शांति संधि नहीं हुई होने के चलते दोनों देश तकनीकी रूप से अब भी युद्ध की स्थिति में ही हैं.
दक्षिण कोरिया के पास नाभिकीय हथियार नहीं हैं, और उत्तरी कोरिया से बचाव के लिए अमेरिका के 'नाभिकीय संरक्षण' पर निर्भर करता है. इसके अलावा अमेरिका के 28,000 से ज़्यादा सैनिक भी दक्षिण कोरिया में तैनात हैं.
उत्तरी कोरिया प्रायद्वीप में अमेरिका की इस मौजूदगी से भलीभांति परिचित है, और इसे अमेरिका की ओर से परमाणु हमले का खतरा बताता है. उत्तरी कोरिया प्रचार करता है कि इस तरह की उड़ानें तथा अमेरिकी फौज का दक्षिण कोरिया में प्रभाव इस बात का सबूत है कि अमेरिका उसके प्रति दुश्मनी का भाव रखता है, और इसी वजह से अपने लिए परमाणु कार्यक्रम को ज़रूरी बताता है.
अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई जेट विमानों द्वारा एस्कॉर्ट किए गए बी-1 बमवर्षक विमानों को उत्तरी कोरिया की सीमा से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्थित ओसान एयरबेस के ऊपर से उड़ते हुए एसोसिएटेड प्रेस के फोटोग्राफर ने देखा. इन विमानों के दक्षिण कोरिया में उतरे बिना गुआम स्थित अपने बेस पर लौट जाने की संभावना है.
कोरियाई प्रायद्वीप पर दशकों से जारी दुश्मनी के माहौल में इस तरह की उड़ानें कतई सामान्य बात है. दरअसल, 1950-53 के बीच हुए कोरियाई युद्ध के बाद कोई भी शांति संधि नहीं हुई होने के चलते दोनों देश तकनीकी रूप से अब भी युद्ध की स्थिति में ही हैं.
दक्षिण कोरिया के पास नाभिकीय हथियार नहीं हैं, और उत्तरी कोरिया से बचाव के लिए अमेरिका के 'नाभिकीय संरक्षण' पर निर्भर करता है. इसके अलावा अमेरिका के 28,000 से ज़्यादा सैनिक भी दक्षिण कोरिया में तैनात हैं.
उत्तरी कोरिया प्रायद्वीप में अमेरिका की इस मौजूदगी से भलीभांति परिचित है, और इसे अमेरिका की ओर से परमाणु हमले का खतरा बताता है. उत्तरी कोरिया प्रचार करता है कि इस तरह की उड़ानें तथा अमेरिकी फौज का दक्षिण कोरिया में प्रभाव इस बात का सबूत है कि अमेरिका उसके प्रति दुश्मनी का भाव रखता है, और इसी वजह से अपने लिए परमाणु कार्यक्रम को ज़रूरी बताता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
उत्तरी कोरिया, दक्षिण कोरिया, अमेरिकी बमवर्षक विमान, ओसान एयरबेस, बी-1 बमवर्षक विमान, North Korea, South Korea, US Nuclear Bomber, B-1 Bomber, Osan Air Base