(प्रतीकात्मक तस्वीर)
वाशिंगटन:
डॉन मिशन के तहत बौने ग्रह सेरेस पर भेजा गया अंतरिक्ष एजेंसी नासा का यान वहां कुछ और वक्त गुजारेगा. डॉन मिशन के तहत अपनी नयी प्रवास अवधि में यह यान मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच पड़ने वाले क्षुद्रग्रहों के क्षेत्र में मौजूद सबसे विशाल पिण्ड को करीब से देख पाएगा. यह अंतरिक्षयान मार्च 2015 से इस ग्रह के चक्कर लगा रहा है लेकिन यह इस ग्रह से 385 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अब वैज्ञानिक चाहते हैं कि यह यान बौने ग्रह के और करीब तक पहुंचने का प्रयास करे.
डॉन की उड़ान टीम, अंतरिक्षयान को नए अंडाकार कक्ष में कुशलता से भेजने के तरीकों का अध्ययन कर रही है, ताकि यान सेरेस की सतह से 200 किलोमीटर से कम दूरी पर पहुंच सके.
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इससे पूर्व में डॉन इस ग्रह की सतह से 385 किलोमीटर की दूरी तक पहुंच पाया था. सेरेस मिशन को दिए गए इस विस्तार की प्राथमिकता, डॉन की गामा किरणों और न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रोमीटर के जरिए डाटा संग्रहित करना है. यह सूचना सेरेस की सबसे ऊपर की सतह की बनावट को समझने और इसमें बर्फ की मात्रा की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जरूरी है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डॉन की उड़ान टीम, अंतरिक्षयान को नए अंडाकार कक्ष में कुशलता से भेजने के तरीकों का अध्ययन कर रही है, ताकि यान सेरेस की सतह से 200 किलोमीटर से कम दूरी पर पहुंच सके.
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