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This Article is From Oct 30, 2023

IIT मद्रास से मंगल ग्रह पर हेलीकॉप्टर उड़ाने तक का सफर, ऐसा किया तय, जानें Dr. Bob Balaram के बारे में

नासा को 'इनजेनिटी' को लेकर डाउट था. लेकिन दो साल से इस हेलीकॉप्टर ने अब तक 64 उड़ाने भर ली हैं और मंगल ग्रह की सतह पर आज भी यह उड़ रहा है. इस हेलीकॉप्टर को डॉ. बॉब बलराम ने डिजाइन किया है, जिनका सफर आईआईटी मद्रास से शुरू हुआ था.

IIT मद्रास से मंगल ग्रह पर हेलीकॉप्टर उड़ाने तक का सफर

नई दिल्ली:

NASA Chopper Design By Dr J Bob Balaram: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का एक हेलीकॉफ्टर मंगल ग्रह पर उड़ान भर रहा है. इस हेलीकॉफ्टर का नाम 'इनजेनिटी' है. यह नासा के प्रिजरवेंस रोवर का हिस्सा है, जिसे साल 2020 में लॉन्च किया गया था और अब यह हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ रहा है. आपको बता दें कि इस हेलीकॉफ्टर को एक भारतीय नागरिक ने डिजाइन किया है. इनजेनिटी (Ingenuity) को डिजाइन करने वाले का नाम डॉ. बॉब बलराम (Dr J Bob Balaram) है. वह एक भारतीय नागरिक हैं और वर्तमान में नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में कार्यरत हैं. डॉ. बॉब बलराम ने आईआईटी मद्रास से पढ़ाई की है. बलराम की इस उपलब्धि पर NDTV ने खास बातचीत की. 

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मार्स के इस हेलीकॉप्टर की खासियत बताते हुए डॉ. बॉब बलराम ने कहा कि इस जहाज को हम मंगल ग्रह पर उड़ा सकते हैं. लैंडर्स, रोवर एक ही जगह पर जा सकते हैं, लेकिन ये हेलीकॉप्टर से हम पूरा मार्स देख सकते हैं. रोवर की गति बहुत धीमी होती है, वहीं यह हेलीकॉप्टर की रफ्तार तेज है, यह सभी जगह जा सकता है और यह मंगल पर एक-एक चीज की जानकारी देता है.

मार्स पर हवा बहुत थीन है, गुरुत्वाकर्षण भी कम है, ऐसे में काफी चैलेंज फेस करना पड़ा होगा इस सावल के जवाब में उन्होंने कहा कि मंगल पर 1% हवा है, इसे कंपंसेट करने के लिए हेलीकॉप्टर के ब्लेड  2400 और 2900 आरपीएम पर घूमते हैं. हेलीकॉप्टर को उड़ने के लिए कम होता है, इसलिए  इनजेनिटी का वजन 1.8 किलोग्राम है. लास्ट वेट होने के चलते ही वह मंगल ग्रह पर उड़ पा रहा है. 

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आईआईटी मद्रास से पढ़ाई पर डॉ. बॉब बलराम ने बताया कि उन्होंने आईआईटी मद्रास से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है. मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डिस्प्लिन में मेटलर्जी, मशीनिंग सब किया है. इसलिए इनजेनिटी कैसे डिजाइन करना यह जानता था. इनजेनिटी में एक कलर कैमरा है, जिससे साइंटिस्ट आसानी से इस बात का पता लगा सकते हैं, कि मंगल पर क्या-क्या है. कुछ अच्छा है तो तो साइंटिस्ट रोवर वहां चला सकते हैं. स्काउट भी है, जो पहले जाकर छोटे कैमरे से देख कर फोटो क्लिक करें, जिसे साइंटिस्ट देख कर पता लगा सकेंगे कि यह अच्छा है और अच्छा नहीं. इनजेनिटी, ऐसा स्काउटिंग जॉब कर सकता है. 

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